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USA: सीनेट में भी पास हुआ ऋण सीमा संबंधी विधेयक, दिवालिया होने से बचा अमेरिका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: नितिन गौतम Updated Fri, 02 Jun 2023 09:24 AM IST
सार

राष्ट्रपति बाइडन के हस्ताक्षर होने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। शुक्रवार शाम सात बजे जो बाइडन देशवासियों को संबोधित भी कर सकते हैं। 

USA senate pass us debt ceiling bill after house of representatives avert default
अमेरिकी सीनेट से पास हुआ ऋण सीमा संबंधी बिल - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
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गुरुवार को अमेरिकी संसद की सीनेट से भी ऋण सीमा को बढ़ाने संबंधी विधेयक पास हो गया। इसके साथ ही अमेरिका का आर्थिक संकट भी टल गया। बता दें कि अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स ने एक दिन पहले ही विधेयक को मंजूरी दी थी। जिसके बाद इसे संसद के ऊपरी सदन सीनेट में भेजा गया था। 


राष्ट्रपति जो बाइडन ने बिल पास होने पर जताई खुशी
सीनेट में 63 सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया और 36 ने इसके विरोध में वोट किया। सीनेट से बिल पास होने पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुशी जाहिर की और संसद की तारीफ की। उन्होंने ये भी कहा कि वह जल्द इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर देंगे। राष्ट्रपति बाइडन के हस्ताक्षर होने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। शुक्रवार शाम सात बजे जो बाइडन देशवासियों को संबोधित भी कर सकते हैं। बता दें कि इस विधेयक के तहत अमेरिका का ऋण सीमा संकट 1 जनवरी 2025 तक टल गया है। 


ये भी पढ़ें- USA: अमेरिका का ऋण सीमा संकट टला! जनप्रतिनिधि सभा में पास हुआ विधेयक

एक दिन पहले जनप्रतिनिधि सभा से हुआ था बिल पास
बता दें कि अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बीते दिनों कहा था कि अगर अमेरिकी संसद पांच जून तक ऋण सीमा नहीं बढ़ाती है तो अमेरिकी सरकार का खजाना खाली होगा और वह अपने खर्चों को भी पूरा नहीं कर पाएगी। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के सभापति और रिपब्लिकन सांसद केविन मैक्कार्थी के बीच ऋण सीमा बढ़ाने को लेकर सहमति बनी। इसके बाद जनप्रतिनिधि सभा में ऋण सीमा बढ़ाने संबंधी एक बिल पेश हुआ, जिसे डेमोक्रेट और रिपब्लिकन, दोनों ही पार्टियों ने समर्थन दिया। 

रिपब्लिकन सांसदों ने मांग की कि सरकार अगले दो साल तक गैर रक्षा विवेकाधीन खर्च को कम करे, जिसे सरकार ने मान लिया। समझौते के तहत सरकार द्वारा अपने खर्चों में कटौती करने के फैसले से आम जनता पर इसका असर पड़ सकता है। खासकर युवा कॉलेज स्नातकों को फिर से ऋण भुगतान शुरू करना पड़ सकता है। साथ ही कम आय वाले अमेरिकी नागरिकों को सेवा कटौती का सामना करना पड़ सकता है।  जनप्रतिनिधि सभा में 314 सांसदों ने समर्थन किया और 117 सांसद इसके विरोध में रहे। 
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