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Union Budget 2023: अमेरिकी उद्योग जगत को भारत के बजट से क्या चाहिए? वित्त मंत्री सीतारमण के सामने रखी ये मांग

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विवेक दास Updated Sat, 28 Jan 2023 12:32 PM IST
सार

Union Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री से प्रतिभूति में निवेश से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के लिए रियायती कर व्यवस्था का विस्तार करने का आग्रह भी किया गया है। यूएसआईएसपीएफ ने नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान, विकास, निवेश जैसे विशिष्ट क्षेत्रों को कर प्रोत्साहन देने का भी सुझाव दिया है।

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विस्तार

Union Budget 2023: अमेरिकी उद्योग जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भारत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों को तर्कसंगत और सरल बनाने का आग्रह किया है। इसका मानना है कि इस कदम से वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिलेगा।प्रत्यक्ष कर आयकर, पूंजीगत लाभ कर या प्रतिभूति लेनदेन कर के रूप में होते हैं, जबकि जीएसटी, सीमा शुल्क या वैट जैसे अप्रत्यक्ष कर किसी भी वस्तु या सेवाओं को खरीदने के लिए सभी अंतिम उपभोक्ताओं पर लगाए जाते हैं।

कॉरपोरेट कर की दरों को तर्कसंगत बनाने की मांग 

अमेरिका-भारत रणनीतिक और भागीदारी मंच (US-India Strategic and Partnership Forum, USISPF) ने एक फरवरी को पेश होने वाले सालाना बजट से पहले वित्त मंत्रालय को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा, 'विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दरों को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि समानता लाने के लिए बैंकों सहित विदेशी कंपनियों के लिए दर कम की जानी चाहिए और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कर को तर्कसंगत बनाने की मांग की गई है।

यूएसआईएसपीएफ ने भारत से पूंजीगत लाभ कर सुधारों को सरल बनाने का आग्रह करते हुए होल्डिंग अवधि और विभिन्न साधनों की दरों में सामंजस्य स्थापित करने की भी मांग की। इसमें कहा गया है, ''वैश्विक कर सौदे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराएं।'' 

एफपीआई के लिए रियायती कर व्यवस्था का विस्तार करने का आग्रह

केंद्रीय वित्त मंत्री से प्रतिभूति में निवेश से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के लिए रियायती कर व्यवस्था का विस्तार करने का आग्रह भी किया गया है। यूएसआईएसपीएफ ने नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान, विकास, निवेश जैसे विशिष्ट क्षेत्रों को कर प्रोत्साहन देने का भी सुझाव दिया है।

फोरम की सिफारिशों में स्थिर और अनुमानित कर वातावरण की वकालत करना, कारोबारी माहौल को आसान बनाना, कारोबार करने की लागत को युक्तिसंगत बनाना और कर दरों एवं शुल्कों को युक्तिसंगत बनाना शामिल है। 

अप्रत्यक्ष करों के बारे में यूएसआईएसपीएफ ने तेल और प्राकृतिक गैस कंपनियों को दी जाने वाली सीमा शुल्क छूट, एक्स-रे मशीनों के लिए सीमा शुल्क की दर 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने और विशिष्ट अनुसंधान व विकास इकाइयों की ओर से आयातित सभी वस्तुओं पर सीमा शुल्क में छूट देने पर स्पष्टीकरण मांगा है।  

USISPF ने वित्त मंत्री से सीमा शुल्क वृद्धि को वापस लेने पर विचार करने को कहा

यूएसआईएसपीएफ ने वित्त मंत्री से पोषण उत्पादों के महत्व को देखते हुए उन पर सीमा शुल्क वृद्धि को वापस लेने और भारत में वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए पोषण संबंधी खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। 

सीमा शुल्क पर यूएसआईएसपीएफ की सिफारिशों में दूरसंचार उत्पादों पर सीमा शुल्क अधिनियम में अस्पष्टताओं को दूर करने, उन्नत जैव ईंधन परियोजनाओं के लिए रियायती सीमा शुल्क का विस्तार करने और कैरोटार व फेसलेस असेसमेंट जैसी व्यापार सुविधा योजनाओं के संबंध में जमीन पर प्रक्रिया को मजबूत करने की मांग शामिल है।

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