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Agriculture: रबी की खड़ी फसलों को नहीं पहुंचा अधिक नुकसान, बेमौसम बारिश पर बोले कृषि मंत्री तोमर
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 21 Mar 2023 07:10 PM IST
सार
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Agriculture: केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘आरंभिक आकलन के मुताबिक रबी की फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।" हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि अभी हमें राज्य सरकारों से जमीनी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।’’
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि जो आरंभिक रिपोर्ट मिली हैं उसके मुताबिक हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि का गेहूं जैसी रबी की खड़ी फसलों पर बहुत अधिक असर नहीं हुआ है।
तोमर ने एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘आरंभिक आकलन के मुताबिक रबी की फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।" हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि अभी हमें राज्य सरकारों से जमीनी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।’’
गेहूं प्रमुख रबी फसल है और कुछ राज्यों में इसकी कटाई चल रही है। रबी की अन्य फसलों में हैं सरसों और चना। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते तीन दिनों से देश के कई हिस्सों में बेसमौसम बारिश, ओला वृष्टि और तेज हवाएं चलीं।
केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि सरसों और चने की फसल को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए नहीं है क्योंकि ज्यादातर फसल की कटाई हो चुकी है। केला और आलू जैसी फसलें ओले गिरने से कुछ प्रभावित हुई होंगी।
सरकार का अनुमान है कि फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रह सकता है। मौसम विज्ञान विभाग ने इस बीच झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल कटाई रोकने की सलाह दी है
असम के किसानों से कहा गया है कि वे फलों और सब्जियों की कटाई स्थगित कर दें और पहले से ही काटी गई उपज को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। किसानों से कहा गया है कि वे सिक्किम में मक्का की बुवाई और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में जूट की बुवाई फिलहाल रोक दें।
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किसानों को सलाह दी गई है कि उन्हें फसल के खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल देना चाहिए और बागवानी फसलों को यांत्रिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। किसानों को सलाह देते हुए यह भी कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सेब, नाशपाती, बेर और आड़ू के बागों और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश में सब्जियों के बागों की रक्षा के लिए ओलों के जाल का उपयोग करना चाहिए।
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