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Union Budget 2023: कृषि सेक्टर को बजट से बड़े बदलाव की उम्मीद, जानें किस क्षेत्र को बजट से क्या है आस

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विवेक दास Updated Fri, 27 Jan 2023 03:32 PM IST
सार

Union Budget 2023 Expectations: द इनवेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया (ICRA) को उम्मीद है कि भारत सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि उत्पादों की बढ़ोतरी पर फोकस कर सकती है। संस्था को उम्मीद है कि इस बार के बजट में सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत आवंटन को बढ़ाने का फैसला भी कर सकती है। 

Union Budget 2023: What agriculture sector wants this year?
Budget Expectations 2023-24 - फोटो : amarujala.com

विस्तार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। दूसरे क्षेत्रों की तरह कृषि क्षेत्र को भी इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं। फिलहाल तो एक फरवरी को ही पता चल पाएगा कि देश के अन्नदाता को बजट में क्या मिलेगा? पर बाजार के जानकारों के मुताबिक वैश्विक खाद्य संकट के दौर में भारत की कृषि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। SAMCO सिक्योरिटीज की रिसर्च एनालिस्ट उर्वी शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कृषि सेक्टर वित्त मंत्री की ओर से बजट में होने वाली घोषणाओं के केंद्र में होगा। वित्त मंत्री सिंचाई, बीजों की क्वालिटी और कृषि तकनीक से जुड़ी बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं।



द इनवेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया (ICRA) को उम्मीद है कि भारत सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि उत्पादों की बढ़ोतरी पर फोकस कर सकती है। संस्था को उम्मीद है कि इस बार के बजट में सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत आवंटन को बढ़ाने का फैसला भी कर सकती है। इसके अलावे सरकार गैर कृषि आमदनी जैसे लाइवस्टॉक फार्मिंग और फूड प्रोसेसिंग को भी तरजीह देगी। 

कृषि कारोबार से जुड़े फर्मों पर टैक्स में छूट से मिलेगी राहत 

कृषि क्षेत्र में सप्लाई चेन को मजबूती देने के लिए सरकार को इस क्षेत्र से जुड़े फर्मों को टैक्स में राहत देने पर भी विचार करना चाहिए। सोहन लाल कॉमाडिटी मैनेजमेंट ग्रुप के के अनुसार सरकार को इससे जुड़ा एलान करना चाहिए। इससे सप्लाई चेन और बेहतर होगी। एससीएम ग्रुप के सीईओ संदीप सबरमाल का मत है कि सरकार को कृषि क्षेत्र के उत्पादों पर लगने वाली जीएसटी में छूट देने पर विचार करना चाहिए।

कृषि क्षेत्र को और आधुनिक बनाने पर हो जोर

डेलॉइट इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार देश का कृषि क्षेत्र 270 अरब डॉलर के निवेश के साथ वर्ष 2031 तक 800 अरब डॉलर का राजस्व जेनरेट कर सकता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह देश के कृषि क्षेत्र और आधुनिक बनाने की पहल करे। रिपोर्ट के अनुसार सरकार को कृषि तकनीकों के विकास के लिए काम कर रहे स्टार्टअप्स को भी मदद मुहैया करानी चाहिए। ऐसे देश के किसानों को भी लाभ होगा। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर आनंद रामनाथन के मुताबिक फिलहाल सरकार का फोकस सप्लाई साइड पर अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार को विपणन योग्य अधिशेष (Marketable Surplus) का अधिकतम मूल्य हासिल करने पर भी फोकस करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी मूल्य शृंखला के सभी हिस्सों में अहम भूमिका निभा सकता है।

उर्वरकों या एग्रोकेमिकल क्षेत्र के लिए हो घाेषणाएं 

एग्रोकेमिकल सेक्टर को भी 2023 के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। उर्वी शाह के मुताबिक देश में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार को बड़ा एलान करना चाहिए। अगर सरकार ऐसा करती है तो एग्रोकेमिकल फर्म्स जो खासकर यूरिया और नाइट्रोजन के कारोबार से जुड़े हैं उन्हें फायदा पहुंचेगा। इसके अलावे अगर एलॉकेशन और सब्सिडीज की घोषणा की जा जाती है तो कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

क्या शिक्षा क्षेत्र के डिजिटलीकरण के लिए सरकार बड़ी घोषणा करेगी?

टेक अवंत-गार्डे के सीईओ अली सैत का  के अनुसार, ‘इस बार के केंद्रीय बजट में  सरकार को शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल बदलाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुकूल माहौल बनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके अनुसार एनईपी का प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर किसी की शिक्षा तक पहुंच हो। हमारे देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से डिजिटल संसाधनों की कमी है। 

हमारा मानना है कि हाइब्रिड लर्निंग सेंटर बनाने और डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सरकार को मदद की घोषणा करनी चाहिए। शैक्षिक संस्थानों की सहायता के लिए बजट में फंड्स का प्रावधान किया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘यह देखते हुए कि भारत दुनिया के सबसे युवा और सबसे बड़े देशों में से एक है हाइब्रिड लर्निंग यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देश के हर कोने तक पहुंचे।

 

ब्लॉकचेन रह सकती है सरकार के फोकस में 

धीवे के सह-संस्थापक और सीईओ प्रदीप केपी के अनुसार भारतीय आईटी पारिस्थितिकी तंत्र भविष्य की वेब 3 और ब्लॉकचेन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दुनिया के लिए 'मेक इन इंडिया' के भारत सरकार के दृष्टिकोण और मिशन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।  डिजिटल अर्थव्यवस्था और वेब 3 विभिन्न उपयोग के मामलों में गहरी पैठ बना रहे हैं और सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे के रूप में उपयोग के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार ब्लॉकचेन तकनीक से जुड़ी कोई बड़ी घोषणा करे।

उनके अनुसार यह वह समय है कि सरकार सक्रिय रूप से राजकोषीय राहत और नीतियों को लाए जो इन प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं। सीबीडीसी और डिजिटल वॉलेट कंपनियों के लिए नियामकीय ढांचे पर जोर दिए जाने का काफी इंतजार किया जा रहा है।

सबको स्वच्छ जल सुलभ कराने के लिए सरकार की ओर से पहल की उम्मीद  

ड्रिंकप्राइम के सह-संस्थापक और सीईओ विजेंदर रेड्डी मुथयाला के अनुसार  हम जल-जीवन-मिशन और हर घर जल जैसी पहलों के माध्यम से पीने के पानी को अधिक सुलभ बनाने के लिए सरकार की सराहना करते हैं। हमारा मानना है कि सुरक्षित पेयजल को और अधिक किफायती बनाना महत्वपूर्ण है। इस मामले में उपभोक्ताओं को टिकाऊ राहत देने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट सरकार को वाटर प्यूरिफायर पर जीएसटी को कम करने या समाप्त करने का विचार करना चाहिए।
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