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Sri Lanka: श्रीलंका ने अपना खुदरा ईंधन बाजार चीन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के लिए खोला, भारत पहले से मैदान में
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 27 Mar 2023 07:48 PM IST
सार
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Sri Lanka: श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने ट्वीट किया, "श्रीलंका के खुदरा ईंधन बाजार में प्रवेश करने के लिए शेल पीएलसी के सहयोग से सिनोपेक, यूनाइटेड पेट्रोलियम ऑस्ट्रेलिया और यूएसए के आरएम पार्क्स को लाइसेंस देने के लिए कैबिनेट की मंजूरी दी गई है।" विजेसेकरा ने कहा कि ऊर्जा समिति और खरीद समितियों ने तीन कंपनियों को संचालित करने के लिए लाइसेंस देने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
श्रीलंका के कैबिनेट ने चीन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की कंपनियों को अपने खुदरा ईंधन बाजार में कारोबार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। द्वीप राष्ट्र का खुदरा ईंधन बाजार पर 2003 तक राज्य संचालित सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीपीसी) का एकाधिकार था। उस समय इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को ईंधन बाजार में कारोबार संचालित करने की अनुमति दी गई थी।
# श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने ट्वीट किया, "श्रीलंका के खुदरा ईंधन बाजार में प्रवेश करने के लिए शेल पीएलसी के सहयोग से सिनोपेक, यूनाइटेड पेट्रोलियम ऑस्ट्रेलिया और यूएसए के आरएम पार्क्स को लाइसेंस देने के लिए कैबिनेट की मंजूरी दी गई है।" विजेसेकरा ने कहा कि ऊर्जा समिति और खरीद समितियों ने तीन कंपनियों को संचालित करने के लिए लाइसेंस देने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। उन्हें 150 डीलर संचालित ईंधन स्टेशन आवंटित किए जाएंगे जो वर्तमान में राज्य ईंधन इकाई सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन की ओर से चलाए जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा, "उन्हें श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पादों के आयात, भंडारण, वितरण और बिक्री के लिए 20 साल तक काम करने का लाइसेंस दिया जाएगा।
बता दें कि श्रीलंका में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी लंका आईओसी (एलआईओसी) ने अच्छी खासी वृद्धि हासिल की थी जब सीपीसी आर्थिक संकट में फंस गई थी और उसके लिए पिछले साल विदेशी मुद्रा की कमी के कारण आयात संभव नहीं था।
# सरकार के फैसले का ट्रेड यूनियन कर रहे विरोध
आईओसी के साथ सौदे का विरोध करने वाले ईंधन क्षेत्र के ट्रेड यूनियनों का कहना है कि वे ईंधन क्षेत्र में नई उदारीकरण नीति का विरोध कर रहे हैं। पिछले साल के मध्य तक एलआईओसी के पास पेट्रोल और डीजल के मामले में 16 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी। जबकि लुब्रिकेंट, बिटुमिन और ऑयल बंकरिंग के मामले में उनकी बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से अधिक थी।
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