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Reliance Capital resolution plan: NCLAT issues notice to bidder Torrent Investments on lender's plea
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Reliance Capital Resolution Plan: ऋणदाताओं के आवेदन पर एनसीएलटी ने बोलीकर्ता को नोटिस भेजा, अगली सुनवाई नौ को
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विवेक दास
Updated Tue, 07 Feb 2023 12:55 PM IST
सार
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एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने रिलायंस कैपिटल के रिजोल्यूशन प्लान के तहत बोली लगाने वाली कंपनी टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स को नोटिस जारी की है।
कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
- फोटो : सोशल मीडिया
एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने रिलायंस कैपिटल के रिजोल्यूशन प्लान के तहत बोली लगाने वाली कंपनी टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स को नोटिस जारी की है। यह नोटिस ऋणदाताओं के आवेदन के बाद जारी किया गया है। मामले में अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी।
रिलायंस कैपिटल के एक ऋणदाता की याचिका पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मंगलवार को टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। याचिका में कर्ज में डूबी कंपनी के दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत दूसरे दौर की वित्तीय बोलियों की अनुमति देने की अपील की गई है।
एनसीएलएटी के चेयरपर्सन अशोक भूषण की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने नोटिस जारी कर प्रतिवादियों को तीन दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने याचिका को नौ फरवरी, 2023 के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई कर निर्णय सुनाएगा।
रिलायंस कैपिटल की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) में एक विस्त्रा आईटीसीएल (इंडिया) लिमिटेड ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के एक आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की है।
बीते दो फरवरी को एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने अनिल अंबानी प्रवर्तित रिलायंस कैपिटल (आरसीएपी) के अधिग्रहण के लिए नए दौर की नीलामी की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा था कि वित्तीय बोलियों के लिए ‘चुनौती तंत्र’ पहले ही समाप्त हो चुका है।
पीठ ने टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स की बैंकरों के दूसरे दौर की नीलामी के फैसले को चुनौती देने की अपील को स्वीकार कर लिया था। ‘चुनौती तंत्र’ के आखिरी दौर में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने सबसे ऊंची 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। रिलायंस कैपिटल पर कुल मिलाकर 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
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