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RBI: बैंकों के संचालन में खामियां पर आरबीआई की नजर, दास बोले- जमाकर्ताओं की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखें बैंक

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Mon, 29 May 2023 05:45 PM IST
सार

RBI: गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केद्रीय बैंक बैंकों में कॉरपोरेट गवर्नेंस की कमियों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि बैंकों के निदेशक मंडल और प्रबंधन इस तरह की कमियों को बढ़ने न दें क्योंकि ये समग्र बैंकिंग क्षेत्र में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकते हैं।

RBI governor Shaktikanta Das flags governance gaps in certain banks
shaktikant das - फोटो : ANI

विस्तार
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बैंकों को कॉरपोरेट गवर्नेंस में खामियों की इजाजत नहीं है। निर्देशों के बावजूद बैंकों के संचालन स्तर में खामियां पाई गई हैं। इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया तो आगे चलकर ये बैंकिंग क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। दास ने सोमवार को कहा, बैंक कृत्रिम तरीके से वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर दिखाने के लिए ‘स्मार्ट अकाउंटिंग’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। बैंक दबाव वाले कर्ज को लेकर वास्तविक स्थिति छिपाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे एक-दूसरे के कर्ज को बेहतर दिखाने के लिए कर्ज की बिक्री और पुनर्खरीद का सहारा लेते हैं। यह चिंताजनक है। किसी भी अस्थिरता से बचने के लिए अमेरिका में बैंकिंग संकट से सबक लेकर हमें सतर्क रुख अपनाना होगा।



उन्होंने स्पष्ट कहा, बैंक जमाकर्ताओं के पैसे से ही कारोबार करते हैं। उनके पैसे की सुरक्षा बैंक के निदेशक मंडल व प्रबंधन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इसके लिए वित्तीय क्षेत्र को मजबूत बनाना जरूरी है। केंद्रीय बैंक यह इजाजत नहीं दे सकता है कि जनता के पैसे पर असुरक्षा उत्पन्न हो। 


व्यक्तिगत निदेशकों में न हो हितों का टकराव, बाधित होगी स्वतंत्रता
गवर्नर ने कहा, व्यक्तिगत निदेशकों में हितों का टकराव नहीं होना चाहिए। इससे उनकी निष्पक्षता और स्वतंत्रता बाधित होगी। हितों के संभावित टकराव की पहचान कर इससे निपटने की नीतियां बनाना बोर्ड की जिम्मेदारी है। यह जरूरी है कि स्वतंत्र निदेशक वास्तव में स्वतंत्र हों। न सिर्फ प्रबंधन से बल्कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में भी।  दास ने कहा, बैंकों के बोर्ड में सीईओ का दबदबा स्वीकार्य नहीं होगा। बोर्ड की बैठकों में सीईओ और निदेशक के बीच संतुलन जरूर होना चाहिए। दोनों को बाहरी जोखिम पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए। मजबूत सरकारी ढांचे की जरूरत किसी भी देश के बैंकिंग क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है।टिकाऊ वित्तीय प्रदर्शन के लिए बैंकिंग क्षेत्र को हमेशा तैयार रहना चाहिए।

सात अहम विषयों पर हो जोर
आरबीआई ने सात अहम विषयों को सूचीबद्ध करते हुए निर्देश जारी किया है। बैठकों में इन पर चर्चा करें। ये विषय हैं...व्यावसायिक रणनीति, वित्तीय रिपोर्ट एवं उनकी सत्यनिष्ठा, जोखिम, अनुपालन, ग्राहक सुरक्षा, वित्तीय समावेशन व मानव संसाधन। -शक्तिकांत दास, गवर्नर, आरबीआई

डिजिटलीकरण पर जोर दें बैंक: कराड
वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने कहा, बैंकों को डिजिटलीकरण पर ध्यान देने और एनपीए पर नजर रखने की जरूरत है। ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक के आंचलिक कार्यालय के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा, बैंक को वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन करना चाहिए।

कीमतों पर सरकार की नजर: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। सरकार कीमतों पर नजर रख रही है। हम जमीनी स्तर पर भी सभी आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं। महंगाई पहले से ही कम हो रही है और अप्रैल में यह घटकर 18 माह के निचले स्तर पर आ गई। 
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चौथी तिमाही में घट सकती है रेपो दर
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स का अनुमान है कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। कई ऐसे कारक हैं, जिनके चलते केंद्रीय बैंक अपने रुख को अधिक उदार कर सकता है। वैश्विक कंपनी ने कहा, महंगाई नरम हो रही है। मौद्रिक नीति समिति महंगाई के स्तर को देखकर अपने रुख में बदलाव लाएगी। हमारा मानना है कि यह साल के अंत से पहले होगा।

देश में गतिविधियां मजबूत स्थिति में
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा, परचेजिंग मैनेजर सूचकांक के आंकड़े और मजबूत जीएसटी संग्रह जैसे आर्थिक संकेतक इस बात के संकेत देते हैं कि भारत में गतिविधियां अभी मजबूत हैं।

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