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RBI: विकास से ज्यादा महंगाई पर केंद्रीय बैंक का फोकस, जानें आरबीआई गवर्नर की घोषणाओं पर क्या बोले जानकार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Thu, 08 Jun 2023 06:05 PM IST
सार

RBi Monetary Policy Meeting: एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों पर बाजार के जानकारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार के अनुसार ब्याज दरों पर एमपीसी का निर्णय और रुख क्रमशः ठहराव और समायोजन की वापसी के रूप में अपेक्षा के अनुरुप आया है।

RBI focuses on inflation more than growth, know what experts said on RBI Governor's announcements
महंगाई चालू वित्तीय वर्ष में चार प्रतिशत से कम रहने का अनुमान। - फोटो : PTI

विस्तार
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की दो दिनों तक चली बैठक के बाद गुरुवार को इसमें लिए गए फैसलों का एलान किया गया। एमपीसी के फैसलों की जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। एमपीसी के सभी छह सदस्य इस फैसले के पक्ष में रहे। आरबीआई गवर्नर ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में महंगाई दर चार प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा FY 24 में सीपीआई 5.2 से घटकर 5.1 प्रतिशत रह सकती है। वहीं FY 24 में 6.5% की विकास दर संभव है। इस दौरान तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत विकास दर का अनुमान है। वहीं FY 24 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ आठ प्रतिशत रह सकती है। वहीं चौथी तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ 5.7% रह सकती है। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है। आइए जानते हैं एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर की घोषणाओं पर आर्थिक जगत के जानकारों की क्या राय है। 

# अभीक बरुआ, एचडीएफसी बैंक

एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरुआ की मानें तो केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर और रुख दोनों को अपरिवर्तित रखते हुए इस बार एमपीसी की बैठक में यथास्थिति बनाए रखा है। आरबीआई ने पहली तिमाही में वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 8 प्रतिशत कर दिया है, जबकि अपने वार्षिक पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जो हमारे 6-6.2 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। मुद्रास्फीति के बारे में केंद्रीय बैंक ने भविष्य के परिदृश्य को लेकर सतर्क रहते हुए कहा है कि इसके दबाव में निकट भविष्य में कमी आ सकती है। केंद्रीय बैंक ने अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को केवल मामूली रूप से घटाकर 5.1% कर दिया है और मानसून के दौरान मौसम संबंधी अनिश्चितताओं के कारण महंगाई पर अनुमानित आंकड़े दिए हैं। यदि वास्तव में कोई जोखिम नहीं आता है तो मुद्रास्फीति आरबीआई के अनुमानों से कम रह सकती है, इससे आगे चलकर अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। आज का नीतिगत फैसला बॉन्ड बाजार पर कोई खास असर नहीं डालेगा क्योंकि यह मोटे तौर पर अनुमानों पर आधारित है। 2023 में बाजार में किसी भी दर कटौती की उम्मीद करना फिलहाल सही नहीं है।

# डॉ वीके विजयकुमार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज

एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों पर बाजार के जानकारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार के अनुसार ब्याज दरों पर एमपीसी का निर्णय और रुख क्रमशः ठहराव और समायोजन की वापसी के रूप में अपेक्षा के अनुरुप आया है। आरबीआई गवर्नर की टिप्पणी को सकारात्मक के रूप में देखा जा सकता है। केंद्रीय बैंक का वित्त वर्ष 2024 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 5.1% पर आ गया है, जो पिछली बैठक में अनुमानित 5.2% से कम है। यह इंगित करता है कि एमपीसी ब्याज दर बढ़ाने के अंतिम पड़ाव पर पहुच गया है। यदि मानसून सामान्य रहता है और वैश्विक परिदृश्य अनुकूल रहता है तो एमपीसी कैलेंडर वर्ष 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में नीतिगत दर में कटौती के बारे में सोच सकती है। शेयर बाजार के नजरिए से यह सकारात्मक है। गवर्नर की यह टिप्पणी कि "वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत का आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है" भारत के मजबूत और बेहतर बुनियादी सिद्धांतों को दर्शाता है।

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आरबीआई की एमपीसी मीटिंग की खास बातें - फोटो : amarujala.com

# केवी श्रीनिवासन, प्रोफेक्टस कैपिटल लिमिटेड

प्रोफेक्टस कैपिटल लिमिटेड के केवी श्रीनिवासन ने कहा, 'रिजर्व बैंक का रेपो रेट स्थिर रखना वृद्धि में तेजी का स्पष्ट संकेत है क्योंकि मुद्रास्फीति के कम होने का जोखिम है। चौथी तिमाही में अप्रत्याशित रूप से तेज जीडीपी वृद्धि और ब्याज दर में स्थिरता पूंजीगत व्यय चक्र में तेजी लाएगा। एमएसएमई विशेष रूप से मध्यम अवधि को आत्मविश्वास के साथ देख सकते हैं और अपने व्यवसायों के विस्तार और आधुनिकीकरण में निवेश शुरू कर सकते हैं। हालांकि, बाहरी जोखिम अब भी बने हुए हैं। 

# मर्जबान ईरानी, एलआईसी म्यूचुअल फंड

एलआईसी म्यूचुअल फंड के सीआईओ-डेब्ट मर्जबान ईरानी ने एमपीसी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, ऐसे में मौद्रिक नीति समित के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। मुद्रास्फीति को मामूली रूप से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर के आज के ऐलान के बाद हम अपने विचारों को दोहराते हैं कि निवेशकों को जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर यथासंभव लंबे समय तक जाना चाहिए। उपज में हालिया गिरावट के बावजूद मौजूदा कैरी आकर्षक बनी हुई है और इसे मिस नहीं किया जाना चाहिए। मध्यम से लंबी अवधि के फंड निवेशकों के लिए एक पसंदीदा निवेश विकल्प हो सकते हैं।

# डॉ. रुपा रेगे नित्सुरे, एलएंडटी फाइनेंस

एलएंडटी फाइनेंस की ग्रुप चीफ इकोनॉमिस्ट डॉ. रुपा रेगे नित्सुरे के अनुसार RBI ने ब्याज दरों और पॉलिसी नीतिगत रुख को बनाए रखते हुए और वित्तीय स्थिरता से किसी तरह का समझौता किए बिना महंगाई के तय किए गए टारगेट को पाने करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है। सेंट्रल बैंक के रुख से साफ है कि वह वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही के दौरान ग्रोथ रिस्क की तुलना में महंगाई से जुड़े रिस्क के बारे में अधिक चिंतित है। अतिरिक्त उपाय जैसे बैंकों द्वारा कॉल और नोटिस मनी मार्केट में उधार लेने के मानदंडों को उदार बनाना और रेगुलेटेड संस्थाओं के लिए प्राकृतिक आपदाओं के कारण रीस्ट्रक्चरिंग पर प्रूडेंशियल (विवेकपूर्ण) मानदंडों का रेशनलाइजेशन समय पर किया गया है और यह लेंडर्स यानी उधार देने वालों को बेहतर फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करेगा।

# पराग शर्मा, श्रीराम फाइनेंस

श्रीराम फाइनेंस के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी पराग शर्मा के अनुसार पिछले दो वर्षों में आरबीआई के उपायों और भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन के परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति को रोकने में भारत को प्रेरणादायक सफलता मिली है। मार्च-अप्रैल 2023 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले 12 महीनों में पहली बार सहिष्णुता सीमा के भीतर थी। वित्त वर्ष 2024 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2% रहने का अनुमान है, लेकिन यह प्रबंधनीय स्तर के भीतर है। शहरी और ग्रामीण मांग स्थिर हो गई है, सीमेंट उत्पादन और पूंजीगत वस्तुओं का आयात उत्साहजनक है और वाणिज्यिक क्षेत्र में संसाधनों का प्रवाह बढ़ा है। उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि भारत का मौलिक रूप से मजबूत वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र वित्त वर्ष 2024 के लिए 6.5% की अनुमानित जीडीपी वृद्धि को प्राप्त करने के लिए एक उत्साहजनक व्यावसायिक दृष्टिकोण का समर्थन करेगा।"

# मनीष कोठारी, कोटक महिंद्रा बैंक

कोटक महिद्रा बैंक के अध्यक्ष और कमर्शियल बैकिंग प्रमुख मनीष कोठारी का कहना है कि सीपीआई महंगाई के अप्रैल महीने में 18 महीने के न्यूनतम स्तर 4.7% पहुंचा और मई महीने में इसके उससे भी कम रहने का अनुमान है। इस बीच RBI ने रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। हालांकि आरबीआई ने महंगाई के फिलहाल 4 प्रतिशत से ऊपर रहने को भी गंभीरता से लिया है और वित्तीय वर्ष 2024 में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2024 में 6.5 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान भी बनाए रखा है, जो कि सकारात्मक है। निश्चित रूप से वृद्धि और मुद्रास्फीति के अनुमानों पर मौनसून की स्थिति का असर पड़ेगा इसलिए इस पर नजर बजाए रखने की जरूरत है। 
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