बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 14 Jan 2022 04:21 PM IST
कोरोना के प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है। अब तीसरी लहर यानी कोविड-19 को ओमिक्रॉन वैरिएंट अपने पैर पसारता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते दायरे को देखते हुए बीमा कंपनियों ने अब नया नियम लागू किया है। इसके तहत कोरोना संक्रमण से उबरने के तीन माह तक व्यक्ति को कोई इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं मिल पाएगी।
जी हां, बीमा कंपनियों के नए नियम के लिए जो लोग कोरोनावायरस संक्रमण से उबर चुके हैं, उन्हें अब नई जीवन बीमा पॉलिसी लेने से पहले 3 महीने तक इंतजार करना होगा। बीमा कंपनियां अन्य बीमारियों की तरह कोरोनो वायरस मामलों के लिए प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता को लागू कर रही हैं। जीवन और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां पॉलिसी जारी करने से पहले जोखिम का आकलन करने के लिए लोगों को तय समय तक इंतजार करने को कहती हैं। कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए इंतजार अवधि की यह शर्त सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसियों पर लागू होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए प्रतीक्षा अवधि के मायने यह हैं कि बीमा कंपनियां संक्रमण के बाद बढ़ी ऊंची मृत्यु दर को लेकर सतर्क हो गई हैं। बीते दो साल में क्लेम की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। जिससे कि क्लेम सेटेलमेंट में बढ़ने वाले खर्च को काबू किया जा सके। बीमा कंपनियों से कोरोना संक्रमण के मामलों को भी स्टैंडर्ड वेटिंग पीरियड के तहत लाने के लिए कहा गया है क्योंकि ऊंची मृत्यु दर ने पुनर्बीमा व्यवसाय को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टर्म इंश्योरेंस प्लान का जीवन बीमा कंपनियों द्वारा पुनर्बीमा किया जाता है लेकिन बीते दो साल से बीमा सेक्टर का जो हाल है, उससे जीवन बीमा कंपनियों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है।
विस्तार
कोरोना के प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है। अब तीसरी लहर यानी कोविड-19 को ओमिक्रॉन वैरिएंट अपने पैर पसारता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते दायरे को देखते हुए बीमा कंपनियों ने अब नया नियम लागू किया है। इसके तहत कोरोना संक्रमण से उबरने के तीन माह तक व्यक्ति को कोई इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं मिल पाएगी।
जी हां, बीमा कंपनियों के नए नियम के लिए जो लोग कोरोनावायरस संक्रमण से उबर चुके हैं, उन्हें अब नई जीवन बीमा पॉलिसी लेने से पहले 3 महीने तक इंतजार करना होगा। बीमा कंपनियां अन्य बीमारियों की तरह कोरोनो वायरस मामलों के लिए प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता को लागू कर रही हैं। जीवन और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां पॉलिसी जारी करने से पहले जोखिम का आकलन करने के लिए लोगों को तय समय तक इंतजार करने को कहती हैं। कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए इंतजार अवधि की यह शर्त सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसियों पर लागू होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए प्रतीक्षा अवधि के मायने यह हैं कि बीमा कंपनियां संक्रमण के बाद बढ़ी ऊंची मृत्यु दर को लेकर सतर्क हो गई हैं। बीते दो साल में क्लेम की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। जिससे कि क्लेम सेटेलमेंट में बढ़ने वाले खर्च को काबू किया जा सके। बीमा कंपनियों से कोरोना संक्रमण के मामलों को भी स्टैंडर्ड वेटिंग पीरियड के तहत लाने के लिए कहा गया है क्योंकि ऊंची मृत्यु दर ने पुनर्बीमा व्यवसाय को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टर्म इंश्योरेंस प्लान का जीवन बीमा कंपनियों द्वारा पुनर्बीमा किया जाता है लेकिन बीते दो साल से बीमा सेक्टर का जो हाल है, उससे जीवन बीमा कंपनियों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है।