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GDP: 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 9.1 से घटकर 7.2% हुई; चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 6.1% की दर से बढ़ी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Wed, 31 May 2023 09:08 PM IST
growth in real GDP is estimated at over 7 percent as compared to over 9 percent Government of India
GDP - फोटो : Social Media

देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर मार्च 2023 को खत्म हुई तिमाही में 6.1 फीसदी रही। पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में यह आंकड़ा चार फीसदी था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चौथी तिमाही में देश की जीडीपी 6.1 फीसदी दर्ज की। बीते वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 9.1 फीसदी रही थी।



 वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में बेहतर जीडीपी वृद्धि से उत्साहित मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, भारत ठोस आर्थिक प्रदर्शन के एक और वर्ष की ओर देख सकता है। अनुमानित 6.5 प्रतिशत जीडीपी समान रूप से संतुलित है और चालू वित्त वर्ष में इससे ज्यादा वृद्धि की संभावना है। हम व्यापक आर्थिक, वित्तीय और राजकोषीय स्थिरता के साथ संयुक्त रूप से निरंतर आर्थिक गति की गाथा पेश कर सकते हैं। महंगाई चालू वित्त वर्ष में 5 फीसदी रह सकती है।

 
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने  कहा कि 2022-23 की जीडीपी वृद्धि के आंकड़े वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दिखाते करते हैं।

एसबीआई ने किया था दावा
इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023 में सात प्रतिशत की वृद्धि दर को पार कर लेगी। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक की बीते शुक्रवार को जारी शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में भारत की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, लेकिन सरकार के आंकड़ों में यह छह फीसदी से भी ज्यादा रही।

बीते वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.4% पर
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने केंद्र सरकार के 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए बुधवार को बताया कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।

राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहा
सीजीए ने कहा कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहा है। वहीं प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 प्रतिशत रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश आम बजट में 2023-24 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 प्रतिशत पर सीमित करने का लक्ष्य रखा है।
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आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि सुस्त
इस बीच आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार अप्रैल 2023 में सुस्त पड़कर 3.5 फीसदी रह गई है। यह इसका छह महीने का निचला स्तर है। मुख्य रूप से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और बिजली का उत्पादन घटने से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि सुस्त पड़ी है। पिछले साल अप्रैल में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 9.5 फीसदी बढ़ा था। मार्च 2023 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 3.6 फीसदी रही थी। यह बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की अक्तूबर 2022 के बाद सबसे सुस्त रफ्तार है। उस समय बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.7 प्रतिशत बढ़ा था।

कोयले का उत्पादन नौ फीसदी घटा
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में कोयले का उत्पादन नौ फीसदी घटा है। हालांकि, समीक्षाधीन महीने में उर्वरक उत्पादन में 23.5% की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह इस्पात उत्पादन 12.1 प्रतिशत और सीमेंट उत्पादन 11.6 प्रतिशत बढ़ा है।

 सरकार कोल इंडिया में तीन फीसदी तक हिस्सेदारी बेचेगी
इस बीच, सरकार ने बुधवार को कोल इंडिया लिमिटेड को लेकर बड़ा एलान किया है। सरकार ने एक जून से बिक्री पेशकश के जरिये कोल इंडिया की तीन प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) एक और दो जून को खुदरा और गैर-खुदरा निवेशकों के लिए खुला रहेगा।

प्रस्ताव कोयला उत्पादक में 1.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के लिए 9.24 करोड़ शेयरों को बेचने का है। रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, इसके अलावा, ओवर सब्सक्रिप्शन के मामले में समान मात्रा में हिस्सेदारी बेचने के लिए ग्रीन शू विकल्प होगा।
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