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FTP: रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने पर जोर, बढ़ेगा ई-कॉमर्स निर्यात, प्रति खेप मूल्य सीमा अब दोगुना
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 01 Apr 2023 07:40 AM IST
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अगर ऐसे देश हैं, जहां मुद्रा की विफलता या डॉलर की कमी है तो हम उनके साथ रुपये में व्यापार करने को तैयार हैं। इसके अलावा, एफटीपी से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
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भारतीय रुपया (सांकेतिक तस्वीर)।
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अमर उजाला
विस्तार
सरकार की ओर से शुक्रवार को पेश नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी)-2023 के जरिये रुपये में भुगतान प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान देगी। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने के लिए एफटीपी में बदलाव किए गए हैं ताकि घरेलू मुद्रा में विदेशी व्यापार लेनदेन संभव हो सके।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे देश हैं, जहां मुद्रा की विफलता या डॉलर की कमी है तो हम उनके साथ रुपये में व्यापार करने को तैयार हैं। इसके अलावा, एफटीपी से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के जरिये निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि व्यापार, उद्योग के हित और निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए नई विदेशी व्यापार नीति में उन निर्यातकों को राहत दी गई है, जो अपने निर्यात बाध्यताओं को पूरा नहीं कर पाए। इसमें अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (ईपीसीजी) योजनाओं के तहत निर्यात बाध्यताओं में चूक को लेकर एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना शुरू की गई है।
आवेदनों का होगा डिजिटलीकरण...नई नीति में विदेश व्यापार नीति से संबंधित आवेदनों का डिजिटलीकरण होगा। यानी एफटीपी आवदेनों को स्वचालन प्रणाली के जरिये मंजूरी मिलेगी। साथ ही, आधुनिक प्राधिकार से संबंधित आवेदनों की प्रक्रिया में लगने वाले समय को घटाकर एक दिन करने की योजना भी शुरू की गई है।
हर जिले में बढ़ेंगी निर्यात गतिविधियां
नई विदेश व्यापार नीति का उद्देश्य एससीओएमईटी (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) नीति के तहत दोहरे उपयोग वाले उत्पादों के निर्यात को व्यवस्थित करना है। इसमें ‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के जरिये राज्यों और जिलों के साथ गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके तहत, हर जिले में उत्पादों व सेवाओं की पहचान करना, संस्थागत प्रणाली एवं जिला निर्यात कार्य योजना बनाना आदि शामिल है।
खास बातें...
निर्यात वस्तुओं पर शुल्क और करों में छूट के लिए योजना शुरू की गई है।
विशेष अग्रिम प्राधिकरण योजना का विस्तार परिधान और कपड़ा क्षेत्र तक किया गया है।
डेयरी क्षेत्र को औसत निर्यात बाध्याताएं बनाए रखने से छूट दी गई है।
निर्यात करने वाली कंपनियों को स्टार श्रेणी देने से संबंधित नियमों में ढील दी गई है।
निर्यात संवर्धन पूंजीगत माल योजना के तहत बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, कृषि उपकरण और हरित हाइड्रोजन के लिए दायित्व में कमी की गई है।
उद्योग जगत ने कहा, नई विदेश व्यापार नीति व्यावहारिक है। इसने वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार कर दिया है।
वैश्विक व्यापार में बढ़ेगी भारत की हिस्सेदारी : उद्योग जगत
अभिनव उपायों के साथ नई एफटीपी से वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को 2 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह निर्यात को बढ़ाने के लिए नीतिगत घोषणाओं के अनुरूप है। -चंद्रजीत बनर्जी महानिदेशक, सीआईआई
नई विदेश व्यापार नीति वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार करेगी। वैश्विक बाजार में एक गतिशील नीति का पालन करने का श्रेय सरकार को जाता है। -दीपक सूद, महासचिव, एसोचैम
विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी वस्तु निर्यात में मौजूदा 1.8 फीसदी और सेवा निर्यात में चार फीसदी से बढ़ने की काफी संभावना है। नई एफटीपी अनिश्चितताओं को दूर करेगी।- साकेत डालमिया, अध्यक्ष, पीएचडी चैंबर
एफटीपी काफी व्यावहारिक है। इससे माल और सेवाओं, दोनों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। एमएसएमई को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनने में मदद मिलेगी। -अरुण कुमार गरोडिया चेयरमैन, ईईपीसी इंडिया
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