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CreditSights: अदाणी समूह को दिया गया ऋण एसबीआई के लिए कोई समस्या नहीं, रिसर्च फर्म ने कही ये बात
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विवेक दास
Updated Tue, 07 Feb 2023 08:15 PM IST
सार
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वित्तीय वर्ष 23 की तीसरी तिमाही के अंत तक अदाणी समूह पर एसबीआई का कुल ऋण जोखिम उसकी ओर से दिए गए कुल ऋण का 0.88% होने का खुलासा किया गया था।
रिसर्च फर्म क्रेडिटसाइट्स ने मंगलवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मजबूत सामान्य प्रावधान भंडार बफर को देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि अदाणी समूह को दिए गए ऋण से एसबीआई किसी जोखिम में है।
वित्तीय वर्ष 23 की तीसरी तिमाही के अंत तक अदानी समूह पर एसबीआई का कुल ऋण जोखिम उसकी ओर से दिए गए कुल ऋण का 0.88% होने का खुलासा किया गया था। फर्म ने कहा, "वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के अंत तक देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई का अदाणी समूह पर कुल ऋण जोखिम नियामों के अनुकूल है।
सार्वजनिक क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों ने पहले ही अदाणी समूह में अपने जोखिम का खुलासा कर दिया है। देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का अदाणी समूह पर 27,000 करोड़ रुपये का ऋण है, जबकि दूसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का अदाणी समूह पर 7,000 करोड़ रुपये बकाया है।
# मूडीज बोला- अदाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की ओर से दिए गए कर्ज से उनकी ऋण गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने मंगलवार को कहा कि अदाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की ओर से दिया गया कर्ज उनके लिए इतना बड़ा नहीं है जिससे उनकी ऋण गुणवत्ता प्रभावित हो। रिपोर्ट में कहा गया है, 'हमारा अनुमान है कि निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एक्सपोजर अधिक है, लेकिन वे ज्यादातर बैंकों के कुल ऋण के एक प्रतिशत से भी कम हैं।
भविष्य में अगर अदाणी बैंक लोन पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं तो बैंकों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। मूडीज ने कहा है कि हालांकि, हालिया घटनाक्रम के बाद जोखिम की धारणा बढ़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों से वित्त पोषण तक समूह की पहुंच कम हो सकती है।
मूडीज के अनुसार भारतीय बैंकों के कॉरपोरेट ऋण की समग्र गुणवत्ता फिर भी स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ सालों में सामान्य तौर पर कॉरपोरेट्स ने घाटे का सामना किया है। यह उनके कॉर्पोरेट लोन बुक में मामूली वृद्धि के रूप में परिलक्षित होता है। इसके अलावा बैंकों का अंडरराइटिंग रूढ़िवादी रहा है।
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