सुप्रीम कोर्ट के बकाया चुकाने के आदेश से भारती एयरटेल को तगड़ा झटका लगा है। बृहस्पतिवार को जारी नतीजों के मताबिक, दूरसंचार कंपनी को जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ है। वहीं एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 119 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। हालांकि कंपनी ने कहा कि नए अकाउंटिंग सिस्टम के कारण नतीजों की तुलना नहीं की जा सकती है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान भारती एयरटेल का राजस्व 4.7 फीसदी बढ़कर 21,199 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के फैसले का ‘कंपनी पर खासा वित्तीय असर पड़ा है।’ कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘कंपनी को राहत मिलने की उम्मीद है और ऐसा नहीं होने पर अदालत के फैसले के आधार पर लाइसेंस शुल्क व स्पेक्ट्रम शुल्क (एसयूसी) के मद में तिमाही के दौरान कंपनी पर 28,450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।’ कंपनी ने कहा कि इस धनराशि में 6,146 करोड़ रुपये मूलधन, 12,219 करोड़ रुपये ब्याज, 3,760 करोड़ रुपये पेनल्टी और 6,307 करोड़ रुपये पेनल्टी पर ब्याज शामिल है।
भारती एयरटेल ने कहा कि भले ही उसे असाधारण मद के बाद 23,045 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, लेकिन इस असाधारण मद को हटा दें तो कंपनी को 1,123 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं कंपनी का भारतीय कारोबार से राजस्व सालाना आधार पर तीन फीसदी बढ़कर 15,361 करोड़ रुपये हो गया।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दिए अपने आदेश में गैर दूरसंचार कारोबार से हुए राजस्व सहित सालाना एजीआर की मांग के सरकार के फैसले को सही ठहराया था। इसके तहत सरकार ने दूरसंचार कंपनियों से लाइसेंस और स्पेक्ट्रम शुल्क को सरकारी खजाने में जमा करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट के बकाया चुकाने के आदेश से भारती एयरटेल को तगड़ा झटका लगा है। बृहस्पतिवार को जारी नतीजों के मताबिक, दूरसंचार कंपनी को जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ है। वहीं एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 119 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। हालांकि कंपनी ने कहा कि नए अकाउंटिंग सिस्टम के कारण नतीजों की तुलना नहीं की जा सकती है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान भारती एयरटेल का राजस्व 4.7 फीसदी बढ़कर 21,199 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के फैसले का ‘कंपनी पर खासा वित्तीय असर पड़ा है।’ कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘कंपनी को राहत मिलने की उम्मीद है और ऐसा नहीं होने पर अदालत के फैसले के आधार पर लाइसेंस शुल्क व स्पेक्ट्रम शुल्क (एसयूसी) के मद में तिमाही के दौरान कंपनी पर 28,450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।’ कंपनी ने कहा कि इस धनराशि में 6,146 करोड़ रुपये मूलधन, 12,219 करोड़ रुपये ब्याज, 3,760 करोड़ रुपये पेनल्टी और 6,307 करोड़ रुपये पेनल्टी पर ब्याज शामिल है।
भारती एयरटेल ने कहा कि भले ही उसे असाधारण मद के बाद 23,045 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, लेकिन इस असाधारण मद को हटा दें तो कंपनी को 1,123 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं कंपनी का भारतीय कारोबार से राजस्व सालाना आधार पर तीन फीसदी बढ़कर 15,361 करोड़ रुपये हो गया।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दिए अपने आदेश में गैर दूरसंचार कारोबार से हुए राजस्व सहित सालाना एजीआर की मांग के सरकार के फैसले को सही ठहराया था। इसके तहत सरकार ने दूरसंचार कंपनियों से लाइसेंस और स्पेक्ट्रम शुल्क को सरकारी खजाने में जमा करने की मांग की थी।