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Bank loan fraud: ED attaches Rs 124 cr worth assets of various associates of Chennai group
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Bank Fraud: ED की 'सुराना ग्रुप ऑफ कंपनीज' से जुड़ी इकाइयों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 124 करोड़ की संपत्ति कुर्क
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 31 May 2023 09:33 PM IST
ईडी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 78 अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। एजेंसी ने इस मामले में पहले भी इतनी ही संपत्ति कुर्क की थी और ताजा आदेश के साथ मामले में कुल 248.98 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
प्रवर्तन निदेशालय
- फोटो : फाइल फोटो
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कुल 3,986 करोड़ रुपये की तीन कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित धनशोधन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने बताया कि उसने मामले में चेन्नई स्थित सुराना ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़ी विभिन्न इकाइयों के पास मौजूद करीब 124 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 78 अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। एजेंसी ने इस मामले में पहले भी इतनी ही संपत्ति कुर्क की थी और ताजा आदेश के साथ मामले में कुल 248.98 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
सीबीआई ने 2020 में आरोपियों के खिलाफ तीन एफआई दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया है कि सुराना ग्रुप की तीन कंपनियां अपने प्रमोटर्स, डायरेक्टर्स और अज्ञात व्यक्तियों के साथ गबन और आपराधिक धोखाधड़ी, फर्जी संस्थाओं के माध्यम से बही-खातों में हेरफेर और मुखौटा (शेल) कंपनियों के जरिए धन का प्रवाह करने में शामिल थीं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने अपने निजी लाभ के लिए कंपनी के खातों से पैसा निकाला, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 3,986 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सुराना ग्रुप सोने के आभूषणों के विनिर्माण और बिक्री का काम करता है।
ईडी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने मुखौटा कंपनियों का जाल बिछाया और इन मुखौटा कंपनियों के फर्जी निदेशक या तो सुराना परिवार के पैतृक गांव के रिश्तेदार या व्यक्ति थे या सुराना ग्रुप की कंपनियों के कर्मचारी थे। एजेंसी ने आरोप लगाया, ग्रुप की तीन मुख्य कंपनियों का लेन-देन उन फर्जी/मुखौटा कंपनियों के जरिए किया गया और उसके बाद पैसे को लेयरिंग के जरिए संपत्ति खरीदने सहित अन्य उद्देश्यों के लिए चुराया गया और उन मुखौटा कंपनियों के नाम पर बेनामी संपत्ति भी हासिल की गई।
सुराना ग्रुप की कंपनियों/प्रवर्तकों ने 'मुखौटा' निदेशकों के नाम पर केमैन आइलैंड्स के साथ-साथ ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कई कंपनियों को शामिल किया और सिंगापुर स्थित चार 'मुखौटा' कंपनियों के जरिए उन कंपनियों में निवेश करने के लिए पैसे का गबन किया। ईडी ने इस मामले में सुराना ग्रुप के दो प्रवर्तकों और मुखौटा कंपनी के दो कथित निदेशकों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने कहा कि इनमें सुराना इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुराना पावर लिमिटेड और सुराना कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दिनेश चंद सुराना और सह प्रवर्तक विजय राज सुराना तथा मुखौटा कंपनियों के कथित फर्जी निदेशक पी आनंद और आई प्रभाकरण शामिल हैं।
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