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NSE: अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद के बीच एनएसई का बड़ा बयान, कहा- हमारी सभी निगरानी कार्रवाई पारदर्शी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 20 Mar 2023 12:47 PM IST
सार
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एनएसई की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'आवेदन की अवधि के साथ सटीक मापदंड सार्वजनिक डोमेन में रहे हैं और लगातार लागू किए गए हैं।' उन्होंने कहा, 'एक्सचेंजों में आम बात है कि ये नियम स्वत: लागू होते हैं और इनपर किसी भी मानवीय दखल की गुंजाइश नहीं है। साथ ही ये नियम और समीक्षा अवधि भी बाजार के लिए पूर्व-घोषित होते हैं।'
अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने अपनी निगरानी कार्रवाइयों के बारे में एक बयान जारी किया। देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज ने जोर देकर कहा कि सभी व्यक्तिगत शेयरों पर इसका निगरानी तंत्र पूरी तरह से पारदर्शी और मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त है।
एनएसई ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि अतिरिक्त निगरानी उपायों (एएसएम) और अन्य व्यापारिक गतिविधि-आधारित विशिष्ट नियमों जैसे मूल्य बैंड, व्यापार के लिए व्यापार (टी 2 टी) और अन्य के तहत स्टॉक्स को जोड़ने और बाहर करने की प्रक्रिया उन मापदंडों पर आधारित है जो मूल्य अस्थिरता, मात्रा, बाजार पूंजीकरण, ग्राहक एकाग्रता और तरलता मापदंडों पर संचालित होते हैं।
एनएसई की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'आवेदन की अवधि के साथ सटीक मापदंड सार्वजनिक डोमेन में रहे हैं और लगातार लागू किए गए हैं।' उन्होंने कहा, 'एक्सचेंजों में आम बात है कि ये नियम स्वत: लागू होते हैं और इनपर किसी भी मानवीय दखल की गुंजाइश नहीं है। साथ ही ये नियम और समीक्षा अवधि भी बाजार के लिए पूर्व-घोषित होते हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है एनएसई
दुनिया के सबसे बड़े डेरिवेटिव एक्सचेंज का यह बयान अदाणी समूह के तीन शेयरों को एएसएम तंत्र से हटाए जाने के दो दिन बाद आया है। इसमें अदाणी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी और नई दिल्ली टेलीविजन (एनडीटीवी) के शेयर शामिल हैं। एएसएम सेबी और एक्सचेंजों की एक पहल है जिसमें निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिभूतियों को अल्पकालिक या दीर्घकालिक ढांचे में स्थानांतरित किया जाता है। दूसरी ओर, स्टॉक एक्सचेंजों के अनुसार अदाणी समूह के दो शेयरों को सोमवार, 20 मार्च, 2023 से दीर्घकालिक अतिरिक्त निगरानी उपायों (एएसएम) के पहले चरण में रखा जाएगा। बीएसई और एनएसई ने अपने परिपत्रों में कहा कि दोनों प्रतिभूतियों को 20 मार्च से दीर्घकालिक एएसएम फ्रेमवर्क में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
उच्च अस्थिरता के कारण अदाणी समूह के शेयरों को रखा गया था एएसएम ढांचे के तहत
हालांकि एनएसई ने अपने बयान में किसी खास समूह या कंपनी के नाम का उल्लेख नहीं किया है। उच्च अस्थिरता के बीच निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक्सचेंजों की ओर से शेयरों को अतिरिक्त निगरानी ढांचे के तहत रखा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उच्च अस्थिरता के कारण अदाणी समूह के शेयरों को एएसएम ढांचे के तहत रखा गया है। इस पूरे ढांचे का समय-परीक्षण किया गया है। एक्सचेंज ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि नए नियमों के आधार पर भविष्य में कोई कार्रवाई लागू होने से पहले उक्त नियमों में किसी भी बदलाव की घोषणा एक्सचेंज की ओर से पहले ही कर दी जाती है।
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