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Adani Group: अदाणी समूह ने वापस लिया 20 हजार करोड़ का FPO, लौटाएगा निवेशकों का पैसा, जानें आखिर हुआ क्या है?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Thu, 02 Feb 2023 01:32 AM IST
सार

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मंगलवार को कॉरपोरेट्स और विदेशी निवेशकों ने अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ में भरोसा जताया था। एईएल के शेयर का बाजार मूल्य जारी मूल्य (Issue Price) से नीचे रहने के बावजूद, एफपीओ को जारी होने के अंतिम दिन 1.12 गुना सब्सक्राइब किया गया था।

उद्योगपति गौतम अदाणी।
उद्योगपति गौतम अदाणी। - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने अपने 20,000 करोड़ रुपये के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को रद्द कर दिया है। कंपनी ने बुधवार देर शाम शेयर बाजार को दी गई सूचना में यह जानकारी दी है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी अपने एफपीओ के हिस्से के रूप में प्राप्त आय को वापस कर देगी, जिसे मंगलवार को कॉर्पोरेट्स और विदेशी निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर समर्थन दिया गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट जारी होने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़े पैमाने पर बाजार की गिरावट के बीच असाधारण बढ़ावा देखने को मिला था। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अदाणी समूह पर गलत तरीके से शेयरों में हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।



क्या है एफपीओ?
एफपीओ (FPO) का फुल फॉर्म- फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer) है। इसके जरिये पहले से शेयर बाजार में लिस्टेडड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं। कंपनी एक प्राइस बैंड तय करती है और एफपीओ का प्रचार किया जाता है। इसे द्वितीयक पेशकश के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध मौजूदा कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है। बता दें कि किसी भी कंपनी का पहला ऑफर आईपीओ कहलाता है। इसके बाद ही कंपनी लिस्टेड होती है। लिस्टेड होने के बाद शेयर बेचने का पब्लिक ऑफर एफपीओ कहलाता है। एफपीओ का मुख्य मकसद अतिरिक्त राशि जुटाना होता है।


क्या एफपीओ ओवर सब्सक्राइब नहीं हुआ था?
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मंगलवार को कॉरपोरेट्स और विदेशी निवेशकों ने अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ में भरोसा जताया था। एईएल के शेयर का बाजार मूल्य जारी मूल्य (Issue Price) से नीचे रहने के बावजूद, एफपीओ को जारी होने के अंतिम दिन 1.12 गुना सब्सक्राइब किया गया था। इसे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) सहित योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) से मजबूत प्रतिक्रिया मिली। एफआईआई, एनआईआई और क्यूआईबी बड़े उद्योगपतियों के पारिवारिक कार्यालय हैं, जो उनकी व्यक्तिगत संपत्ति और अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ का प्रबंधन करते हैं।

क्यूआईबी के हिस्से को 1.26 गुना और एनआईआई को 3.32 गुना सब्सक्राइब किया गया। कॉरपोरेट्स ने 5,438 करोड़ रुपये के 1.66 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई और 4,127 करोड़ रुपये के 1.24 करोड़ शेयरों के लिए एफआईआई ने आवेदन किया। हालांकि, खुदरा निवेशकों के हिस्से को केवल 0.12 गुना (12 प्रतिशत) सब्सक्राइब किया गया था, जिसमें निवेशकों ने 2.29 करोड़ शेयरों के कोटा के मुकाबले केवल 27.45 लाख शेयरों के लिए बोली लगाई थी। कर्मचारियों का कोटा भी केवल 55 प्रतिशत कोटे की बोलियों के साथ अंडरसब्सक्राइब रहा।

बुधवार को क्या हुआ?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी समूह के शेयरों और बांडों में बुधवार को फिर से तेजी से गिरावट शुरू हो गई। अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 28 फीसदी और अदाणी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र में 19 फीसदी की गिरावट आई। यह दोनों के लिए रिकॉर्ड के अनुसार सबसे खराब दिन था। बुधवार को अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 34 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 2,975 रुपये के पिछले बंद के मुकाबले 1,942 रुपये के एक दिन के निचले स्तर पर पहुंच गई, जो कि 1,933.75 रुपये के निचले सर्किट के करीब थी। शेयर अंततः 28.45 प्रतिशत गिरकर 2,128.70 रुपये पर बंद हुआ। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पहले दिन इनमें 20 फीसदी तक ही गिरावट आई थी। समूह की कुल 11 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध है। बुधवार को समूह का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 11.76 लाख करोड़ रुपये रह गया। पिछले हफ्ते मंगलवार को यह 19.20 लाख करोड़ रुपये था। यानी 7.44 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।

ब्लूमबर्ग ने बताया कि बुधवार को दोपहर के समय क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी ने अपने निजी बैंकिंग ग्राहकों को मार्जिन ऋण के लिए जमानत के रूप में अदाणी समूह की कंपनियों के बांड को स्वीकार करना बंद कर दिया। ब्लूमबर्ग ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए बताया कि स्विस ऋणदाता की निजी बैंकिंग शाखा ने अदाणी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड द्वारा बेचे गए नोट्स के लिए शून्य ऋण मूल्य निर्धारित किया। ब्लूमबर्ग ने कहा कि क्रेडिट सुइस की कार्रवाई ने संकेत दिया कि अदाणी के वित्त की जांच बढ़ रही है।
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब एक निजी बैंक ऋण मूल्य को शून्य कर देता है, तो ग्राहकों को आम तौर पर नकद या अन्य प्रकार के जमानत के साथ टॉप अप करना पड़ता है और यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनकी प्रतिभूतियों का परिसमापन किया जा सकता है।

अदाणी ग्रुप ने क्या कहा?
समूह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अभूतपूर्व स्थिति और मौजूदा बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनी का लक्ष्य एफपीओ आय वापस करके और पूर्ण किए गए लेनदेन को वापस लेकर अपने निवेश समुदाय के हितों की रक्षा करना है। 

गौतम अदाणी ने कही यह बात
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि बोर्ड इस अवसर पर हमारे एफपीओ के लिए आपके समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए सभी निवेशकों को धन्यवाद देता है। एफपीओ के लिए सदस्यता कल सफलतापूर्वक बंद हो गया। पिछले सप्ताह के दौरान स्टॉक में अस्थिरता के बावजूद, कंपनी, इसके व्यवसाय और इसके प्रबंधन में आपका विश्वास और विश्वास बेहद आश्वस्त और विनम्र रहा है।  इसके लिए धन्यवाद।

उन्होंने कहा कि हालांकि, आज बाजार अभूतपूर्व रहा है, और इस दौरान हमारे शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव आया है। इन असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी के बोर्ड ने महसूस किया कि इस मुद्दे पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। निवेशकों का हित सर्वोपरि है और इसलिए उन्हें किसी भी संभावित वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए, बोर्ड ने एफपीओ के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है। अदाणी ने आगे कहा कि बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।

शीर्ष अमीरों में 15वें नंबर पर खिसके अदाणी
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के करीब एक हफ्ते बाद गौतम अदाणी अब शीर्ष अमीरों की सूची में 15वें स्थान पर खिसक गए हैं। वहीं रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी छलांग लगाकर 9वें नंबर पर पहुंच गए हैं। अंबानी अब एशिया के सबसे अमीर कारोबारी हैं। बुधवार को अदाणी की कुल संपत्ति 13 अरब डॉलर गिरकर 75 अरब डॉलर रही। जबकि मुकेश अंबानी की संपत्ति 83.7 अरब डॉलर रही।

सितंबर में 155 अरब डॉलर थी नेटवर्थ
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से पहले गौतम अदाणी की संपत्ति 120 अरब डॉलर थी। उस आधार पर अदाणी की संपत्ति 45 अरब डॉलर घट चुकी है। पिछले साल 16 सितंबर को अदाणी 155 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी थे। 

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