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Budget: एक रुपये की कमाई में 34 पैसे कर्ज लेती है सरकार; जानें कैसे चलता है देश? आंकड़ों में समझें पूरा गणित

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Wed, 01 Feb 2023 07:51 PM IST
सार

बड़ा सवाल उठता है कि आखिर सरकार देश को कैसे चला रही है? पिछली सरकार के मुकाबले मोदी सरकार के कामकाज में क्या बदलाव हुआ है? मुनाफे और घाटे के खेल में कौन आगे और कौन पीछे है? सरकार की कमाई कहां-कहां से होती है और खर्च कहां-कहां करना पड़ता है? आइए समझते हैं...

बजट 2023
बजट 2023 - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को देश का 75वां बजट संसद में पेश किया। मोदी सरकार का यह 9वां बजट था। सरकार ने गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और अमीरों तक के लिए बजट में कई तरह के एलान किए। अगले साल चुनाव भी होने हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भी सरकारी घोषणाओं का एलान भी किया गया। 


सरकार ने इस साल यानी वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 27.2 लाख करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान लगाया है, जबकि 45 लाख करोड़ रुपये खर्च होगा। मतलब देश को जीडीपी के कुल हिस्से में 5.9 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा होगा। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की एक रुपये की कमाई में अभी सबसे ज्यादा 34 पैसे कर्ज से आते हैं।


ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर सरकार देश को कैसे चला रही है? पिछली सरकार के मुकाबले मोदी सरकार के कामकाज में क्या बदलाव हुआ है? मुनाफे और घाटे के खेल में कौन आगे और कौन पीछे है? सरकार की कमाई कहां-कहां से होती है और खर्च कहां-कहां करना पड़ता है? आइए समझते हैं...
 

पहले जानिए सरकार कैसे कमाई करती है? 
केंद्रीय मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बजट के अनुसार, अभी आठ तरीके से सरकार की एक रुपये की कमाई होती है। 
मद कितने पैसे मिलेंगे? 
कर्ज 34
जीएसटी 17
इनकम टैक्स   15
कॉरपोरेशन टैक्स 15
ड्यूटी       07
नॉन टैक्स रिसिप्ट्स 06
कस्टम्स   04
नॉन डेब्ट कैपिटल रिसिप्ट्स 02
कुल 100 पैसे यानी एक रुपया

खर्च कहां-कहां करती है सरकार? 
मद   कितने पैसे खर्च होंगे?
कर्ज का ब्याज   20
टैक्स में राज्य सरकारों की हिस्सेदारी और ड्यूटीज 18
केंद्रीय योजनाओं में होने वाला खर्च     17
केंद्र से प्रायोजित योजनाओं में   09
फाइनेंस कमीशन व अन्य ट्रांसफर   09
रक्षा    08
सब्सिडी   07
पेंशन         04
अन्य     08

सरकार ने 2023-24 के लिए क्या प्लान बनाया है? 
बजट में केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए खर्च और आय का ब्योरा भी दिया है। इसके अनुसार, इस बार कुल 27.2 लाख करोड़ रुपये की आय का अनुमान सरकार को है, जबकि 45 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस हिसाब से सरकार के राजकोष में कुल जीडीपी के 5.9 प्रतिशत घाटे का अनुमान है। इस घाटे की भरपाई के लिए सरकार 15.4 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी। इस कर्ज का ब्याज चुकाने के बाद सरकार को 11.8 लाख करोड़ रुपये ही खर्च करने के लिए मिलेंगे। 
 

कोरोनाकाल में सरकार के ऊपर बढ़ गया कर्ज
जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है, तब से सरकार ने कर्ज में कमी शुरू कर दी थी। आंकड़े इसके उदाहरण हैं। हालांकि, 2020-21 में जब कोरोना ने दस्तक दी तो सरकार ने अपने कर्ज में भी बढ़ोतरी कर दी। अचानक से कर्ज लेने का ग्राफ ऊपर चढ़ गया। 
 

                         
वित्तीय वर्ष एक रुपये की कमाई में कितने पैसे कर्ज? 
2010-11 29 
2011-12 27
2012-13 29
2013-14 27
2014-15   25
2015-16 24
2016-17 21
2017-18 19
2018-19 18
2019-20 18
2020-21 20
2021-22 36
2022-23   35
2023-24   34

16 साल में सरकार को कब कितने का घाटा हुआ? 
वित्तीय वर्ष कितना घाटा हुआ 
2008-09 6.1%
2009-10   6.6%
2010-11   4.9%
2011-12    5.9%
2012-13 4.9%
2013-14   4.5%
2014-15 4.1%
2015-16   3.9%
2016-17 3.5%
2017-18   3.5%
2018-19   2.4%
2019-20   4.6%
2020-21 9.2%
2021-22   6.9%
2022-23   6.4%
2023-24   5.9%
 

देश पर बढ़ गया कर्ज
भारत का विदेशी कर्ज मार्च, 2022 के अंत में एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया है। वित्त मंत्रालय ने सितंबर 2022 में आंकड़ों के जरिए इसकी जानकारी दी थी। मंत्रालय के अनुसार, देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के रूप में है, जबकि भारतीय रुपये के रूप में देय कर्ज 31.2 प्रतिशत है। 

वित्त मंत्रालय ने कहा था, 'भारत का विदेशी कर्ज लगातार बेहतर तरीके से प्रबंधित बना हुआ है। मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार 620.7 अरब डॉलर था, जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात के रूप में विदेशी ऋण 19.9 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार और बाह्य ऋण का अनुपात 97.8 प्रतिशत था।
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