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Excise Duty Hike: Ban on profiteering from export of petrol and diesel, general public will benefit
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Excise Duty Hike: पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी, जानें इससे आपको फायदा होगा या नुकसान?
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विवेक दास
Updated Fri, 01 Jul 2022 12:12 PM IST
सार
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक सूचना के अनुसार सरकार ने सोने पर सीमा शुल्क को भी 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। सरकार की ओर से कहा है कि चालू खाता घाटे को कम करने में मदद के लिए ये कदम उठाया गया है।
भारत सरकार ने हवाई जहाज के ईंधन (ATS) और पेट्रोल-डीजल के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार पेट्रोल पर 6 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर तक एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी में इजाफा करने का फैसला लिया गया है। वहीं, हवाई जहाज के ईंधन एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 6 रुपये प्रति लीटर सेंट्रल एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों के बढ़ने के बाद ऑयल प्रोड्यूसर्स को होने वाले अप्रत्याशित फायदे को कंट्रोल करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी 23,230 रुपये प्रति टन का एक्स्ट्रा टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक सूचना के अनुसार सरकार ने सोने पर सीमा शुल्क को भी 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। सरकार की ओर से कहा है कि चालू खाता घाटे को कम करने में मदद के लिए ये कदम उठाया गया है।
Special additional excise duty/Cesses imposed on exports of petrol and diesel at the rate of Rs 6 per litre on Petrol and Rs 13 per litre on diesel. Special Additional Excise Duty (SAED) of Rs 6 per litre imposed on exports of Aviation Turbine Fuel: Ministry of Finance
सरकार के इस फैसले के बाद इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या इस फैसले से आम आदमी को मिलने वाली पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी कोई असर पड़ेगा? सवाल का जवाब सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में ही दे दिया गया है। सरकार की जो से इस संबंध में जो सूचना जारी की गई है उसमें कहा गया है कि इस फैसले का असर आम आदमी पर नहीं पड़ेगा। सरकार का यह फैसला सिर्फ और सिर्फ देश के बाहर निर्यात होने वाले पेट्रोलियम पदार्थों पर पड़ेगा।
सरकार के फैसले का आम आदमी पर नहीं पड़ेगा कोई असर
आम आदमी पर इस एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का सीधा-सीधा कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार की ओर से बढ़ाए गए इस टैक्स से पेट्रोल और डीजल की कीमतों के भी नियंत्रण में रहने की संभवना है। दरअसल, अगर एक्सपोर्ट ड्यूटी का चार्ज बढ़ाया गया है तो इसका साफ मतलब है कि अब पहले की तुलना में देश से बाहर इन चीजों का निर्यात करना और खर्चीला हो जाएगा।
इस फैसले से पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यात में कम ही सही पर कमी आने की उम्मीद है। सरकार के इस फैसले से देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कमी नहीं हो इसे सुनिश्चत किया जा सकेगा। इसे देखते हुए सरकार का यह फैसला आम आदमी के लिए नुकसान का नहीं होकर फायदेमंद ही साबित होगा।
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निजी कंपनियां तेल निर्यात कर कमा रही हैं बड़ा मुनाफा
आपको बता दें कि वर्तमान समय में ऑयल कंपनियां घरेलू स्तर पर कच्चा तेल इंपोर्ट करके, उसे रिफाइन करके विदेशी बाजारों को एक्सपोर्ट कर रही थीं जिसके चलते इनका एक्सपोर्ट ज्यादा हो रहा था। इससे देश के भीतर इन पेट्रोलियम पदार्थों की कमी का खतरा पैदा हो सकता था। सरकार ने देश से जारी पेट्रोल-डीजल के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाने का फैसला लेकर समय रहते हालात को बिगड़ने से बचाने की कोशिश की है।
यहां एक बात तय है कि सरकार के इस फैसले से आम ग्राहक पर कोई बोझ नहीं बढ़ेगा। चूंकि कंपनियां ज्यादा एक्सपोर्ट कर रही थीं और विदेशी मुद्रा कमा रही थीं लेकिन ऐसा करने से घरेलू बाजार के लिए तेल कम पड़ रहा था और देश के कुछ राज्यों में तेल संकट का खतरा पैदा हो गया था इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर नहीं पड़ेगा असर
एक्सपोर्ट पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी सामान्य एक्साइज ड्यूटी से अलग है। इसका पेट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि एक्सपोर्ट कम होने से कई बड़ी कंपनियों के मुनाफे में कमी देखने को मिल सकती है। इसी कारण शुक्रवार की सुबह जैसे ही सरकार की ओर से एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की खबर आई रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रिलायंस के शेयरो में शुक्रवार को 7 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। आरआईएल करीब 170 रुपये प्रति शेयर तक टूट चुका है।
एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का यह होगा फायदा
केंद्र सरकार की ओर से एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लेने के बाद देश में ईंधन की सप्लाई बढ़ेगी। हाल के दिनों देश के कुछ राज्यों में ईंधन की जो कमी देखने को मिली थी वैसी स्थिति नहीं बनेगी। बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के फैसले से देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण रखने में भी मदद मिलेगी।
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