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Bihar Electricity rates will not increase government will not implement the increased rate of regulator
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Bihar Electricity Rate: बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी, नियामक के बढ़े रेट देख सरकार ने बढ़ाई सब्सिडी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: अरविंद कुमार
Updated Fri, 31 Mar 2023 12:29 PM IST
सार
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Bihar Electricity Rate: बिहार सरकार ने बिहार में बिजली की दरों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बिजली की दरें नहीं बढ़ाने की बात कही है। साथ ही सरकार नियामक के बढ़े रेट को नहीं लागू करेगी।
बिहार में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने बिजली की दरों को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से अनुदान को बढ़ाते हुए पुराने रेट को ही प्रभावी रखा जा रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निर्णय लिया कि लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसलिए यह निर्णय लिया।
बता दें कि 8 हजार 895 करोड़ अनुदान देते थे। कैबिनेट से फैसला लिया 13 हजार 114 करोड़ रुपये अनुदान देंगे। इसके कारण पुराने रेट पर ही उपभोक्ताओं को बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा वालों को केंद्र से कहना चाहिए कि वन नेशन, वन रेट लागू करें। बिहार को 5.82 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलती है, जबकि गुजरात को 3.74 रुपये प्रति यूनिट।
मुख्यमंत्रियों की बैठक में एक ही रेट का मुद्दा उठाते रहते हैं। भाजपा वाले भी केंद्र सरकार को बताएं कि राज करना चाहते हैं तो इन सभी बात की चिंता कीजिए। गरीबी के बावजूद आज हमने एक-एक घर में बिजली पहुंचा दिया है। साल 2018 में टारगेट के दो महीने पहले लक्ष्य पूरा किया गया। रेट हम नहीं बढ़ाए थे। संवैधानिक रूप से नियामक रेट बनाता है। हम लोग उसको थोड़े ही मानते हैं। वह रेट देंगे, हम सब्सिडी देकर उसे आम उपभोक्ताओं के लिए राहत देते हैं।
बिहार गरीब राज्य है, इसका ख्याल रखना चाहिए
सीएम ने कहा, मध्यप्रदेश को 3.49 रुपये प्रति यूनिट बिजली देते हैं। बिहार इतना गरीब राज्य है, इसका ख्याल रखना चाहिए। कैबिनेट आज ही कर लिया गया, क्योंकि नियामक के हिसाब से कल से नया रेट लागू हो जाता। विपक्ष के नेता बोले, आप अपने स्तर से थर्मल पावर क्यों नहीं चला रहे कि केंद्र सरकार को दोष दे रहे हैं। फिर अध्यक्ष ने कहा, आप धन्यवाद दीजिए मुख्यमंत्री को। इसके बाद अध्यक्ष के रोकने पर भी विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा बोलने लगे, विपक्ष की आवाज दबाकर सत्ता मनमानी करना चाहती है। बताएं कि राज्य का उत्पादन क्या है, केंद्र का उत्पादन क्या है।
बिहार में 110 मेगावाट उत्पादन वाली दो यूनिट ही बची थी
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने दिया जवाब। कहा, झारखंड बंटवारे के बाद बिहार में 110 मेगावाट उत्पादन वाली दो यूनिट ही बची थी। हालत यह थी कि कोयला भी भारत सरकार क्वॉलिटी वाला नहीं देती थी और रेलवे भी समय पर कोयला नहीं पहुंचाता था। इसी से उत्पादन प्रभावित हो रहा था। इसलिए केंद्र से ही बिजली लेने पर सहमति बनानी पड़ी।
सब्सिडी का इंतजार करना होगा...पहले ही बताया था
बिहार सरकार अगर सब्सिडी नहीं देती तो नियामक द्वारा तय रेट के कारण 24.1 प्रतिशत वृद्धि लागू हो जाती। इसके अलावा फिक्स्ड चार्ज में 100% की वृद्धि लागू हो जाती। 'अमर उजाला' ने बताया था कि नियामक की ओर से जारी वृद्धि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए हैं, लेकिन अभी प्रभावी नहीं होगी। सरकार सब्सिडी का पुनर्निर्धारण करेगी, उस हिसाब से रेट लागू होगा। इसके साथ ही 'अमर उजाला' ने आम उपभोक्ताओं की प्रमुख सात श्रेणियों पर आयोग के ताजा फैसले का पूरा हिसाब-किताब बताया था कि अगर नियामक के रेट पर सरकारी सब्सिडी लागू नहीं हो तो किस श्रेणी के उपभोक्ता पर क्या असर पड़ेगा। राज्य के ज्यादातर उपभोक्ता इन्हीं श्रेणियों के तहत बिजली का उपयोग करते हैं।
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