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Patna Highcourt stays demolition of Sultan Palace, seeks reply from Bihar govt
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Bihar: पटना के सुल्तान पैलेस को तोड़ने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, बिहार सरकार से आठ सप्ताह में मांगा जवाब
पीटीआई, पटना
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 24 Sep 2022 03:00 PM IST
सार
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पटना उच्च न्यायालय ने पांच सितारा होटल बनाने के लिए ऐतिहासिक सुल्तान पैलेस को तोड़ने के अपने फैसले पर बिहार सरकार से जवाब मांगा है।
पटना उच्च न्यायालय ने पांच सितारा होटल बनाने के लिए ऐतिहासिक सुल्तान पैलेस को तोड़ने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के वकीलों ने बताया कि अदालत ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन सुनवाई के दौरान बैरिस्टर सर सुल्तान अहमद द्वारा 1922 में बनाए गए महल के विध्वंस पर रोक लगा दी। अब सरकार के जवाब देने तक इसपर रोक लगी रहेगी। अदालत के इस कदम से विरासत प्रेमियों और नागरिकों के एक बड़े वर्ग को बहुत बड़ी राहत मिली है।
बिहार सरकार को आठ महीनों में देना होगा जवाब
सुल्तान पैलेस को तोड़ने के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) पटना के एक युवा वकील द्वारा दायर की गई थी और इस मामले में यह पहली सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें दी गईं। सुनवाई के बादउच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सुल्तान पैलेस के प्रस्तावित विध्वंस पर रोक लगा दी। अदालत ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है कि उसने 100 साल पुराने एक हेरिटेज भवन को गिराने की योजना क्यों बनाई है और आठ सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
सुल्तान पैलेस प्रसिद्ध बैरिस्टर सर सुल्तान अहमद द्वारा बनाया गया था
आर-ब्लॉक क्षेत्र के पास ऐतिहासिक गार्डिनर रोड (अब बीर चंद पटेल रोड) पर स्थित महल, पटना के प्रसिद्ध बैरिस्टर सर सुल्तान अहमद द्वारा 1922 में बनाया गया था, जिन्होंने पटना उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में भी काम किया था। 1923-30 से पटना विश्वविद्यालय के पहले भारतीय कुलपति के रूप में भी काम किया था।
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