बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब पीने की वजह से 13 लोगों की मौत हो गई है। जहरीली शराब से हुई मौत के बाद आनन-फानन में नालंदा के डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की। इस मामले में नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि प्रथम दृष्टया में जहरीली शराब पीने की वजह से ही मौत लग रही है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सही सही जानकारी मिल सकेगी।
शुभंकर ने कहा कि पहले आठ लोगों की मौत हुई थी। बताया जाता है कि जहरीली शराब पीने की वजह से शुक्रवार की रात से ही कई लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। उसके बाद नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में पीड़ित लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना शुरू किया। उसके बाद शनिवार को 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोगों का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।
मृतकों में छोटी पहाड़ी मोहल्ला निवासी 55 वर्षीय मुन्ना मिस्त्री, 50 वर्षीय धर्मेन्द्र प्रसाद उर्फ नागो, 75 वर्षीय भागो मिस्त्री, 30 वर्षीय सुनील तांती, 72 वर्षीय अर्जुन पंडित, रामपाल शर्मा, श्रृंगारहाट मोहल्ला, 62 वर्षीय अशोक शर्मा उर्फ कालीचरण, मोगलकुआं-बॉलीपर मोहल्ला निवासी 45 वर्षीय राजेश कुमार, प्रभु विगहा गांव का 45 वर्षीय राम रूप चौहान एवं 45 वर्षीय शिवाजी चौहान शामिल हैं।
राज्य में शराबबंदी कानून विफल साबित हुई
शराबबंदी मामले पर बिहार भाजपा के रुख से एक बार फिर सत्तारूढ़ गठबंधन में असहज स्थितियां पैदा हो गई हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर कहा है कि राज्य में शराबबंदी कानून विफल साबित हुआ है। जायसवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस कानून की आड़ में पुलिस लोगों का शोषण कर रही है।
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के आने के बाद गठबंधन में शामिल जदयू के सामने असहज स्थिति पैदा हो गई। जदयू के कई नेताओं ने एक साथ भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा अध्यक्ष शराब माफिया के पक्ष में हैं। इसके तुरंत बाद भाजपा की तरफ से भी पलटवार होने लगे। विपक्ष ने इस पर चुटकी ली है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि 'तू-तू-मैं-मैं का मतलब है भाजपा-जदयू गठबंधन'।
शराब से हो रही मौतों के लिए भाजपा भी समान रूप से जिम्मेवार
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि शराब की वजह से बिहार में चल रहे मौत के तांडव के लिए जदयू के साथ-साथ भाजपा एवं एनडीए के अन्य घटक भी समान रूप से जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के अहम और जिद्द की वजह से विधवा होने वाली औरतें और अनाथ होने वाले बच्चों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। और इसके लिए सरकार में शामिल भाजपा समान रूप से जिम्मेवार है। शराबबंदी पर सरकार के दोहरे मापदंड और अदूरदर्शी नीतियों के कारण ही सरकार के मुखिया के गृह जिला में ही 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
बता दें कि इससे पहले भी बिहार में जहरीली शराब पीने से कई मौतें हो चुकी हैं। पिछले साल दीपावली के एक दिन पहले ही यहां कुछ लोगों की मौत हुई, इसके बाद से सिवान, गोपालगंज, बेतिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर जैसे जिलों से मौत की खबरें सामने आने लगीं। आंकड़ों के अनुसार महज छह दिन के अंदर ही राज्य में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि अगर कहीं भी कोई बीमार है तो उसकी सूचना पुलिस को दी जाए।
सीएम नीतीश ने दिया था सख्त कार्रवाई का भरोसा, लेकिन अब भी हो रही मौतें
उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि समय पर कार्रवाई नहीं करने वालों पर एक्शन होगा, वे बच नहीं सकते। जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों पर कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन एक बार फिर से मामले सामने आने के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है।
विस्तार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब पीने की वजह से 13 लोगों की मौत हो गई है। जहरीली शराब से हुई मौत के बाद आनन-फानन में नालंदा के डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की। इस मामले में नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि प्रथम दृष्टया में जहरीली शराब पीने की वजह से ही मौत लग रही है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सही सही जानकारी मिल सकेगी।
शुभंकर ने कहा कि पहले आठ लोगों की मौत हुई थी। बताया जाता है कि जहरीली शराब पीने की वजह से शुक्रवार की रात से ही कई लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। उसके बाद नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में पीड़ित लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना शुरू किया। उसके बाद शनिवार को 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोगों का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।
मृतकों में छोटी पहाड़ी मोहल्ला निवासी 55 वर्षीय मुन्ना मिस्त्री, 50 वर्षीय धर्मेन्द्र प्रसाद उर्फ नागो, 75 वर्षीय भागो मिस्त्री, 30 वर्षीय सुनील तांती, 72 वर्षीय अर्जुन पंडित, रामपाल शर्मा, श्रृंगारहाट मोहल्ला, 62 वर्षीय अशोक शर्मा उर्फ कालीचरण, मोगलकुआं-बॉलीपर मोहल्ला निवासी 45 वर्षीय राजेश कुमार, प्रभु विगहा गांव का 45 वर्षीय राम रूप चौहान एवं 45 वर्षीय शिवाजी चौहान शामिल हैं।
राज्य में शराबबंदी कानून विफल साबित हुई
शराबबंदी मामले पर बिहार भाजपा के रुख से एक बार फिर सत्तारूढ़ गठबंधन में असहज स्थितियां पैदा हो गई हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर कहा है कि राज्य में शराबबंदी कानून विफल साबित हुआ है। जायसवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस कानून की आड़ में पुलिस लोगों का शोषण कर रही है।
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के आने के बाद गठबंधन में शामिल जदयू के सामने असहज स्थिति पैदा हो गई। जदयू के कई नेताओं ने एक साथ भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा अध्यक्ष शराब माफिया के पक्ष में हैं। इसके तुरंत बाद भाजपा की तरफ से भी पलटवार होने लगे। विपक्ष ने इस पर चुटकी ली है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि 'तू-तू-मैं-मैं का मतलब है भाजपा-जदयू गठबंधन'।
शराब से हो रही मौतों के लिए भाजपा भी समान रूप से जिम्मेवार
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि शराब की वजह से बिहार में चल रहे मौत के तांडव के लिए जदयू के साथ-साथ भाजपा एवं एनडीए के अन्य घटक भी समान रूप से जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के अहम और जिद्द की वजह से विधवा होने वाली औरतें और अनाथ होने वाले बच्चों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। और इसके लिए सरकार में शामिल भाजपा समान रूप से जिम्मेवार है। शराबबंदी पर सरकार के दोहरे मापदंड और अदूरदर्शी नीतियों के कारण ही सरकार के मुखिया के गृह जिला में ही 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
बता दें कि इससे पहले भी बिहार में जहरीली शराब पीने से कई मौतें हो चुकी हैं। पिछले साल दीपावली के एक दिन पहले ही यहां कुछ लोगों की मौत हुई, इसके बाद से सिवान, गोपालगंज, बेतिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर जैसे जिलों से मौत की खबरें सामने आने लगीं। आंकड़ों के अनुसार महज छह दिन के अंदर ही राज्य में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि अगर कहीं भी कोई बीमार है तो उसकी सूचना पुलिस को दी जाए।
सीएम नीतीश ने दिया था सख्त कार्रवाई का भरोसा, लेकिन अब भी हो रही मौतें
उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि समय पर कार्रवाई नहीं करने वालों पर एक्शन होगा, वे बच नहीं सकते। जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों पर कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन एक बार फिर से मामले सामने आने के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है।