लोक जनशक्ती पार्टी (राम विलास) के मुखिया और दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार अभी भी पिछड़ा राज्य है इसका जिम्मेदार कौन है? इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं उन्हीं की वजह से बिहार पिछड़ा है और पिछड़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 50 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं लेकिन मुख्यमंत्री और संभवत: उनके कई अधिकारी भी गरीबी रेखा को पार करके बहुत आगे चले गए हैं। ये लोग किस बात का जश्न मना रहे हैं जबकि नीति आयोग की रिपोर्ट कह रही है कि इतने लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं।
इससे पहले नीति आयोग ने बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) जारी किया था। इसके मुताबिक, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश भारत के सबसे गरीब राज्यों के रूप में उभरे हैं। सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है, इसके बाद झारखंड में 42.16 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) को चौथे स्थान पर रखा गया है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण रूप से यह सूचकांक परिवारों द्वारा सामना किए जाने वाले कई अभावों को दर्ज करता है। इसमें कहा गया है कि भारत के एमपीआई में तीन समान आयाम हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर। ये पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं।
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लोक जनशक्ती पार्टी (राम विलास) के मुखिया और दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार अभी भी पिछड़ा राज्य है इसका जिम्मेदार कौन है? इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं उन्हीं की वजह से बिहार पिछड़ा है और पिछड़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 50 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं लेकिन मुख्यमंत्री और संभवत: उनके कई अधिकारी भी गरीबी रेखा को पार करके बहुत आगे चले गए हैं। ये लोग किस बात का जश्न मना रहे हैं जबकि नीति आयोग की रिपोर्ट कह रही है कि इतने लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं।
इससे पहले नीति आयोग ने बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) जारी किया था। इसके मुताबिक, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश भारत के सबसे गरीब राज्यों के रूप में उभरे हैं। सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है, इसके बाद झारखंड में 42.16 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) को चौथे स्थान पर रखा गया है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण रूप से यह सूचकांक परिवारों द्वारा सामना किए जाने वाले कई अभावों को दर्ज करता है। इसमें कहा गया है कि भारत के एमपीआई में तीन समान आयाम हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर। ये पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं।