दुनियाभर में स्वच्छ ईंधन वाली कारों की तकनीक को विकसित करने के लिए नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। एक कंपनी ने क्वांटिनो ट्वेंटीफाइव कार को बनाया है जिसे चलाने के लिए ना तो पेट्रोल, डीजल, बिजली और हाइड्रोजन की जरूरत पड़ती है। इस कार को किस तकनीक से चलाया जाता है, हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में बता रहे हैं।
बिना ईंधन चलती है कार
अगर हम आपको कहें कि आने वाले समय में ऐसी कारें बनाई जाएंगी जिन्हें चलाने के लिए ना तो पेट्रोल, डीजल, बिजली और हाइड्रोजन की जरूरत होगी तो शायद आपको अटपटा लगेगा। लेकिन एक ऐसी कार भी अस्तित्व में आ गई है जिसे चलाने के लिए इनमें से किसी भी तरह के ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती।
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कैसे चलती है कार
बिना बिजली, हाइड्रोजन, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और सोलर सेल के बिना इस कार को चलाया जाता है। इसे चलाने के लिए समुद्र के खारे पानी की जरूरत पड़ती है। समुद्र के पानी के अलावा इसे वेस्ट वॉटर से भी चलाया जा सकता है। समुद्र के खारे पानी के अलावा इंडस्ट्रियल वेस्ट वॉटर से इसे चलाने के लिए खास नैनो स्ट्रक्चर्ड मॉलिक्यूल्स बाई-ऑयन तकनीक का उपयोग किया जाता है।
यह पानी बायोफ्यूल की तरह काम करता है और यह नॉन टॉक्सिक, नॉन फ्लेमेबल, नॉन हैजार्डस होता है। इसी के जरिए कार में बिजली पैदा होती है, जिससे कार के चारों पहियों में लगी मोटर तक भेजा जाता है और कार को चलाया जाता है।
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कितनी है रेंज
पारंपरिक कारों के अलावा इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन कारों की तरह ही इसकी भी एक निश्चित रेंज है। एक बार टैंक फुल करने के बाद इसे दो हजार किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। खास बात यह है कि साल्टी और इंडस्ट्रियल वेस्ट वॉटर से चलाने पर भी यह कार प्रदूषण नहीं करती। कंपनी ने इस कार को अब तक पांच लाख किलोमीटर तक चलाकर टेस्ट किया है।
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सुपरकार्स का करेगी मुकाबला
फरारी, बेंटले, लैम्बॉर्गिनी, ऑडी, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों की शानदार कारों का मुकाबला भी इस कार से किया जा सकता है। जीरो से 100 किलोमीटर की रफ्तार हासिल करने में इसे सिर्फ तीन सेकेंड का समय लगता है। इसकी अधिकतम स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा तक है। वहीं डिजाइन की बात करें तो इसका डिजाइन में कई सुपरकार्स के जैसा रखा गया है।
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