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Astrology: इन तीन ग्रहों का महिलाओं के जीवन में होता है खास महत्व, जानिए कैसे ?
शैली प्रकाश
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sun, 29 Jan 2023 06:37 PM IST
सार
चंद्रमा महिलाओं के मन पर अधिक प्रभाव डालता है अत: विष दोष युक्त चंद्र क्षीण बल होकर पाप पीड़ित हो तो उक्त महिला को अपमानित होना पड़ता है।
astrology: महिलाओं पर चंद्रमा, मंगल और शनि का ज्यादा असर होता है।
- फोटो : अमर उजाला
Astrology: महिलाओं पर ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव अधिक होता है ऐसा नहीं है, लेकिन महिलाओं में भावुकता और संवेदनाओं का स्तर पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होता है, इसलिए उनके ज्यादा प्रभावित होने की संभावना रहती है। महिलाओं को खासकर 3 ग्रहों से बचकर रहना चाहिए क्योंकि यह ग्रह उनके जीवन पर ज्यादा प्रभाव डाल सकते हैं जिसके चलते पारिवारिक जीवन में उथल पुथल मची रहती है।
उल्लेखनीय है कि महिलाओं की जन्मपत्री में नौवें भाव से पिता और सातवें भाव से पति की स्थिति का आकलन किया जाता। चौथे भाव से गर्भधारण क्षमता, सुख-दु:ख, समाज में मान-अपमान आदि का फलित निकाला जाता है। महिलाओं को चंद्र, मंगल और शनि ग्रह के बुरे प्रभाव से बचकर रहना चाहिए।
1. चंद्र ग्रह : चंद्रमा महिलाओं के मन पर अधिक प्रभाव डालता है अत: विष दोष युक्त चंद्र (शनि चंद्र की युति आदि) क्षीण बल होकर पाप पीड़ित हो तो उक्त महिला को अपमानित होना पड़ता है और यह संतान पैदा करने की क्षमता को भी नष्ट करता है।
2. मंगल ग्रह : मंगल का प्रभाव खून और आंखों में ज्यादा होता है। महिलाओं पर चंद्र के बाद मंगल का सबसे ज्यादा प्रभाव रहता है जो मासिक धर्म का कारक होता है। इसकी अशुभ स्थिति से मासिक धर्म में अनियमितता रहती है। इसी के साथ ही इसके अशुभ होने से ऑपरेशन की नौबत भी आती रही हैं। इसके अलावा मंगल को एक उग्र ग्रह माना गया है। महिलाओं को अपने स्वभाव में मधुरता और विनम्रता बनाए रखना चाहिए।
3. शनि ग्रह : शनि के अशुभ प्रभाव के चलते महिलाओं में निराशा, उदासीनता और नीरसता का समावेश होता है जिसके चलते उनके दाम्पत्य जीवन को कष्टमय बनाने में यह ग्रह कोई कसर नहीं छोड़ता और धीरे-धीरे महिलाएं अवसाद की तरफ बढ़ने लगी हैं। शनि के साथ चंद्रमा की युति होना बहुत बुरा माना जाता है।
उल्लेखनीय है कि कुछ ज्योतिष विद्वान महिलाओं पर चंद्र, मंगल के बाद शुक्र ग्रह का प्रभाव अधिक मानते हैं। हालांकि कुछ विद्वानों के अनुसार पुरुष की कुंडली में शुक्र और महिला की कुंडली में गुरु का अधिक महत्व होता है। जिस स्त्री जातक की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थान और शुभ प्रभाव में होता है, उसे सामाजिक मान प्रतिष्ठा और सांसारिक सुख सहजता से मिलते हैं। और, यदि शुक्र बलवान है तो उनमें आकर्षण बढ़ जाता है जो कि कई बार उनके लिए मुसीबत का कारण भी बनती है। हालांकि शुक्र के प्रभाव से महिलाओं को समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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उपाय :- 1. चंद्र के उपाय हेतु महिलाओं को नाक में चांदी पहना चाहिए, एकादशी या प्रदोष का व्रत रखना चाहिए और शिवजी को सोमवार के दिन जल अर्पित करना चाहिए।
2. मंगल के उपाय हेतु महिलाओं को आंखों में सुरमा लगाना चाहिए। मंगलवार को गुड़, मिश्री और मसूर की दाल का दान करना चाहिए और क्रोध एवं कलह से दूर रहना चाहिए।
3. शनि के उपाय हेतु महिलाओं को छाया दान करना चाहिए और गुरु के उपाय करना चाहिए।
4. शुक्र के उपाय हेतु साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दही से स्नान करना चाहिए और शुक्रवार का व्रत करना चाहिए।
5. महिलाएं यदि बृहस्पति ग्रह को बलवान बनाकर रखती है तो निम्नलिखित उपाय की अधिक आवश्यकता नहीं होती है।
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