बाजरा की बिजाई के लगभग तीन सप्ताह बाद किसी वर्षा वाले दिन कतारों से फालतू पौधे निकाल कर खाली स्थानों में लगाएं, ताकि पौधे से पौधे का फासला लगभग 12 सेंटीमीटर रहे। इसी समय निराई गुड़ाई करें, ताकि खेत में खरपतवार न रहे। यदि किसी कारणवश बाजरे की बिजाई न हो पाई हो तो इसकी पौध रोपाई तीन हफ्ते पुरानी पौध से मध्य अगस्त तक किसी वर्षा वाले दिन, 45 सेंटीमीटर के अंतर पर कतारों में करें और पौधे से पौधे का फासला 12 सेंटीमीटर रखें।
संकर बाजरे की सिंचित फसल में नाइट्रोजन की दूसरी मात्रा, लगभग 45 किलोग्राम यूरिया, जब गोभ में सिट्टा आए जाए, डालें। यदि खाद डालते समय खेत में पर्याप्त नमी न हो और वर्षा भी न हो रही तो तो फसल में पानी लगा दें। बाजरे की बारानी फसल में अगर किसी कारणवश यूरिया खाद बिजाई के समय न डाल सके हों तो लगभग 35 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ खड़ी फसल में तभी डालें जब वर्षा हो जाए या होने की संभावना हो। यदि बाजरे की फसल में जस्ते की कमी के लक्षण दिखाई दें तो 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट का छिड़काव करें।
एक एकड़ के लिए एक किलोग्राम जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत), छह किलोग्राम यूरिया व 200 लीटर पानी का इस्तेमाल करें। 10 -12 दिन के अंतर पर कम से कम 2-3 छिड़काव करें।