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मैनपुरी जिले में किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए अब प्रशासन काले गेहूं के उत्पादन को बढ़ावा देगा। स्वास्थ्य के लिए बेहतर माने जाने वाले काले गेहूं की कीमत अधिक होने से किसानों को लाभ भी अधिक होगा। इसके लिए कृषि विभाग और उद्योग विभाग ने संयुक्त रूप से कार्य शुरू कर दिया है। पहले चरण में काले गेहूं की बुवाई का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
कृषि प्रधान जिला होने के चलते मैनपुरी में गेहूं और धान का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। मैनपुरी से बासमती चावल का निर्यात जहां यूरोपीय देशों के साथ ही खाड़ी देशों को होता है तो वहीं देशभर में इसकी मांग है। इससे किसानों को बासमती धान की कीमत भी बेहतर मिलती है। इसी के चलते अब कृषि विभाग और उद्योग विभाग ने किसानों की आय और बढ़ाने के लिए काले गेहूं की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
किसानों को किया जाएगा जागरुक
इसके तहत प्रचार प्रसार करके कृषि विभाग पहले चरण में काले गेहूं का रकबा बढ़ाने में जुट गया है। इसके तहत कृषि विभाग के कर्मचारी और अधिकारी किसानों को काले गेहूं के प्रति जागरुक करेंगे। विभाग का मानना है कि किसान काला गेहूं इसलिए नहीं उगाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके उत्पादन की विधि सामान्य गेहूं से भिन्न है। वहीं कृषि विभाग के अनुसार ये एक मिथ्या बात है। सामान्य गेहूं की तरह ही आसानी से काले गेहूं का उत्पादन किया जा सकता है।
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