रामपुर। बिजनौर के जल निगम के अधिशासी अभियंता का सीबीआई अधिकारी बनकर अपहरण करने के चार आरोपियों में एक ने अपनी पहचान छुपा ली थी। पुलिस को उसने अपना नाम बलदेव सिंह पुत्र मूली सिंह बताया था, जबकि उसका नाम अजय पुत्र मोहर सिंह, निवासी भरतपुर राजस्थान है।
इंजीनियर का अपहरण कर फिरौती मांगने के आरोपियों को जब पुलिस को 24 घंटे का रिमांड मिला तो इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस जब आरोपियों को लेकर दिल्ली पहुंची तो इस मामले से पर्दा उठा। दिल्ली पुलिस ने एक कांस्टेबल ने अजय को देखते ही पहचान लिया कि यह बलदेव सिंह नहीं बल्कि अजय है जो दिल्ली के कैंट क्षेत्र में हुई डकैती के मामले में गिरफ्तार हुआ था। कांस्टेबल की इस जानकारी पर जब दिल्ली पुलिस ने तहकीकात की तो बात सच निकली। अजय को दिल्ली कैंट इलाके में हुई बैंक डकैती के मामले में दस साल की सजा मिल चुकी है। जयपुर में हुई एक बैंक डकैती के मामला न्यायालय में विचाराधीन है। अजय के उपर अन्य कई आरोप भी हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजय ने जिस बलदेव सिंह के रूप में पुलिस को अपनी पहचान बताई है, वह भी कई मामलों में वांछित है और फरार चल रहा है। मिलक कोतवाल शक्ति सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद अजय ने अपना गलत नाम पुलिस को लिखवा दिया। उसकी पहचान हो गई है। इसकी पहचान होने के बाद एफआईआर में भी नाम संशोधित किया जाएगा।