रामपुर। जिला अस्पताल में कहीं खत्म न हो जाएं ‘इमरजेंसी ड्रग्स’। यह चिंता अस्पताल के अफसरों को भी सता रही है। बजट जारी करने में शासन से हो रही देरी अस्पताल प्रशासन की टेंशन बढ़ाती जा रही है। कई अन्य दवाएं भी हैं, जो अस्पताल से धीरे-धीरे खत्म होने लगी हैं।
सरकारी अस्पतालों में इन दिनों दवा का संकट चिंता का विषय बना हुआ है। प्रदेश सरकार में बजट का पेंच फंसा होने से यह किल्लत और गहरा रही है। अस्पतालों के पास जो बंदोबस्त है वह धीरे-धीरे कमी की ओर बढ़ रहा है। आम दवाओं में भी किल्लत नजर आने लगी है। इस समस्या से अस्पताल के मरीजों को भी दो चार होना पड़ रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन किसी तरह व्यवस्था कायम करने के प्रयास में लगा है। अस्पताल सूत्रों की माने तो बजट में देरी होती रही तो ‘इमरजेंसी ड्रग्स’ की भी समस्या हो सकती है। यह किल्लत व्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकती है। इस संकट से उबरने के लिए शासन के फरमान का इंतजार है। हालांकि अधिकारी दवा संकट को खुलकर सामने नहीं आ रहे है।