रामपुर। केंद्र की यूपीए सरकार ने सत्ता में आने की तीसरी वर्षगांठ पर पेट्रोल की कीमतों में 7.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का उपहार दिया है। इससे आम आदमी का बजट गड़बड़ा जाएगा। इससे जहां महंगाई की आग और भड़केगी। आम आदमी की जेब और हल्की होगी।
बदलते हुए दौर में दोपहिया और चौपहिया वाहन लोगों की जरूरत बन गए हैं। ऐसे में पेट्रोल की कीमत में एक साथ साढ़े रुपये प्रति लीटर की वृद्धि। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन आकाश सक्सेना हनी कहना है कि सरकार के उपर पेट्रोल के रेट बढ़ाने का दबाव तो था, लेकिन यह वृद्धि बहुत है। इस वृद्धि का चौतरफा असर पड़ेगा। आम आदमी का बजट प्रभावित होगा। इसके साथ ही अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे पालिमर, वैक्स के रेट भी बढ़ जाएंगे। सरकार को कीमतों में वृद्धि को लेकर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए।
व्यापारी नेता संदीप अग्रवाल सोनी का कहना है कि केंद्र सरकार आमलोगों के सब्र का परीक्षा ले रही है। केंद्र सरकार की नीतियों से लोग तंग आ चुके हैं। सरकार ना तो अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकी है और ना ही आम आदमी को महंगाई से निजात। महंगाई की मार इन तीन सालों में कई गुना तक बढ़ गई है। सरकार ने पेट्रोल के रेट बढ़ा दिए है और अब डीजल और रसोई गैस के रेट बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
वीर खालसा सेवा समिति के अवतार सिंह ने भी पेट्रोल की कीमतों में कई गई वृद्धि की कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि इससे तो लोगों का स्कूटर- मोटरसाइकिल पर चलना मुश्किल हो जाएगा। अन्य औद्योगिक और व्यापरिक संगठनों, किसान संगठनों ने पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को गलत बताया है।