रामपुर। शहर के बाद अब शाहबाद, टांडा, स्वार में भी डूडा के शौचालयों के जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों की टीम ने दूसरे दिन भी शाहबाद के कई मुहल्लों में जाकर शौचालयों की जांच की। अधिकतर शौचालय अधूरे मिले। कुछ घरों में शौचालयों के निशान भी नहीं मिले।
सिर पर मैला ढोने की प्रथा समाप्त करने के मकसद से करीब दो साल पहले डूडा के जरिए नगरीय क्षेत्र में नौ हजार शौचालय बनवाए गए थे। इसके लिए केंद्र से नौ करोड़ का बजट का मिला था। शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी तीन एनजीओ को दी गई थी। लेकिन, शौचालय बनवाने में गड़बड़ी की गई। जिला स्तर से जांच कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। सत्ता परिवर्तन के बाद शासन स्तर से शौचालयों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए 14 जिलों के डूडा के परियोजना अधिकारियों को यहां भेजा गया है। अधिकारियों ने 20 मई से शहर में जांच शुरू कर दी थी। इसके बाद अब शाहबाद, टांडा और स्वार की भी जांच शुरू कर दी गई है।
अधिकारी शाहबाद मुहल्ला बेलदरान, कस्सावान, बेदान, नालापार, अफगानान, हकीममान, अमीर अली खां, नई बस्ती, और कानूनगोयान में घूमें। उन्होंने घर-घर जाकर शौचालयों की जांच की। शाहबाद नगर क्षेत्र में 1900 केज्यादा शौचालय बनवाए गए हैं। इनमें से अधिकतर शौचालय अधूरे मिले। लाभार्थियों की सूची से मिलान करने पर कई शौचालय मौके पर नहीं मिले।