रामपुुर। अदालत ने पत्नी की हत्या में पति को दोषी मानते हुए सात वर्ष की कैद और 17 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। साथ ही साक्ष्य के अभाव में आठ लोगों को बरी कर दिया।
मुरादाबाद के बिलारी थाना क्षेत्र के गांव मिठनपुर नगला निवासी मुन्नी ने अपनी पुत्री लक्ष्मी का विवाह शाहबाद के सद्दीकनगर निवासी राकेश के साथ किया था। आरोप है कि ससुराल वाले दहेज में मोटर साइकिल और 50 हजार रुपए की मांग करते थे। इसी बिना पर चार फरवरी 2009 को जलाकर विवाहिता की हत्या कर दी गई। घटना की रिपोर्ट की रिपोर्ट मुन्नी ने पति राकेश सहित नौ लोगों के खिलाफ शाहबाद थाने में दर्ज कराई थी। अदालत में सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता इरफान खां दलील दी कि आरोपियों ने दहेज की खातिर लक्ष्मी की हत्या की है। लिहाजा आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने झूठा फंसाने की दलील दी।
एडीजे तीन पीके गुप्ता ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पति राकेश को दोषी मानते हुए सात साल की कैद और 17 हजार रुपए जुर्माना अदा करने सजा सुनाई। जबकि साक्ष्य के अभाव में सोमपाल, दिनेश, दिलावर, सरोज, राधा, रंजीत, सुधा, सरजीत को बरी कर दिया।