रामपुर। उलमा की पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को काले झंडे दिखाने की धमकी को नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने गंभीरता से लिया। उन्होंने उलमा को काले झंडे न दिखाने के लिए समझाया। उनके समझाने पर उलमा मान गए और काले झंडे दिखाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। उलमा डीएम से भी मिले और ज्ञापन सौंपा। उनका कहना था कि मोदी में उर्दू की भी पढ़ाई शुरू कराई जाए।
जमीयत उलमा-ए- हिंद के कारकुन और मदरसा फैजे हिदायत केप्रबंध तंत्र ने कल डीएम को ज्ञापन देकर पूर्व राष्ट्रपति के मोदी स्कूल में कार्यक्रम का विरोध किया था। उलमा ने धमकी दी थी कि वे पूर्व राष्ट्रपति को काले झंडे दिखाएंगे। उलमा की धमकी को कैबिनेट मंत्री मुहम्मद आजम ने गंभीरता से लिया। उन्होंने समझाया कि डा. कलाम जैसी शख्सियत को काले झंडे दिखाना उनकी शान में गुस्ताखी होगी। लिहाजा आजम खां के समझाने पर उलमा ने काले झंडे दिखाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। उलमा सोमवार को दोपहर डीएम से मिले और ज्ञापन सौंपा। उनका कहना था कि वह आजम खां के समझाने पर मान गए। लेकिन, मोदी स्कूल से कुछ मुतालबा है उसे पूरा कराया जाए। ज्ञापन में जुमे के दिन दोहपर एक बजे छुट्टी करने, स्कूल में उर्दू की भी पढ़ाई शुरू कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में जमीयत के जिला सदर मौलाना असलम जावेद कासमी, फैजे हिदायत के मोहतमिम शाहिद अली खां, मुफ्ती हबीबुर्रहमान, यामीन, कारी जमील अहमद, कारी शकील, मौलवी फारूख, मौलवी साजिद शामिल थे।