रामपुर। जमीयत उलमा-ए-हिंद और मदरसा फैजे हिदायत ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के मोदी स्कूल में कार्यक्रम का विरोध किया है। उनका कहना है कि मोदी स्कूल विवादित संस्था है। इसलिए पूर्व राष्ट्रपति के मोदी स्कूल का कार्यक्रम निरस्त किए जाए। ऐसा न करने पर काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी।
जमीयत उलमा और मदरसा फैजे हिदायत के प्रबंध तंत्र ने जिलाधिकारी को अलग-अलग दिए ज्ञापन में कहा है कि दयावती मोदी अकादमी एक विवादित संस्था है। बीते साल स्कूल में हजरत मुहम्मद सल्ललल्लाहो अलैह वसल्लम के काल्पनिक चित्र छपी किताब पढ़ाई जा रही थी। प्रशासन ने किताब तो हटवा दी पर स्कूल में सांप्रदायिकता का जहर बराबर घोला जा रहा है। मोदी स्कूल में उर्दू पढ़ाने की भी मांग की जा रही है पर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ज्ञापन में कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति एक सफल वैज्ञानिक हैं। इनका विवादित संस्था में आना एक आश्चर्यजनक बात है। ज्ञापन में कहा कि मौके की नजाक त को देखते हुए मोदी स्कूल में पूर्व राष्ट्रपति का कार्यक्रम निरस्त किया जाए। चेतावनी दी कि अगर कार्यक्रम निरस्त नहीं किया तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष मुहम्मद असलम जावेद कासमी, मुफ्ती मुहम्मद साजिद, मौलाना उबैदुल्लाह खां, मुफ्ती कुरबान अली, मुफ्ती इबभनाहीम, मोलाना फुरकान कासमी, तस्लीम खां, मदरसे के मोहतमित शाहिद अली खां, यामीन खां, हबीबुर्रहमान, कारी जमील अहमद, खुशनूद अहमद, मौलाना इस्लाम, मुहम्मद अनस, सुल्तान अहमद, फरीद खां शामिल थे।