रामपुर। जमीन के बंटवारे को लेकर थाने में बुलाई गई पंचायत के दौरान पुलिस ने एक युवक को खंभे से बांधकर खूब पीटा। अफसरों ने जब उसकी नहीं सुनी तो मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच गया, जिसके बाद अफसर भी एक्टिव हो गए। एसपी के आदेश पर सीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस उत्पीड़न का यह सनसनीखेज मामला पटवाई थाना क्षेत्र का है। क्षेत्र के मंडैया जौलपुर गांव निवासी राम किशोर ने पिछले मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग के साथ ही डीजीपी व आईजी को पत्र भेजकर शिकायत की थी कि पटवाई पुलिस ने उसे अपने जुल्म का शिकार बनाया है। संपत्ति के बंटवारे को लेकर उसके रिश्तेदार राम भरोसे से विवाद चल रहा है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए 30 अप्रैल को पटवाई थाने में तैनात दारोगा और एक सिपाही उसके पास आया और उसे थाने ले गया। आरोप है कि समझौता न करने पर पुलिस ने उसे कई घंटे तक हिरासत में रखा और फिर बात न मानने पर उसे खंभे से बांध दिया। बाद में पुलिस कर्मियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी,जिससे उसके गंभीर चोटे आई हैं। उसका आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने पिटाई के बाद उसके साथ सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और फिर उसे रिहा किया। मामला सीएम तक पहुंचने पर इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। एसपी के आदेश पर मिलक के सीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है।