रामपुर। नगर पालिका के अफसरों ने कभी शहरियों की पानी की समस्या पर गंभीरता नहीं दिखाई है। आलम यह है कि लोगों को आज भी पीड़ित होना पड़ता है। गरमी में आए दिन नलकूप की मोटर जवाब दे जाती है। शहरी परेशान होता है तो पालिका के इंजीनियर लेटलतीफी कर उनकी परेशानी और बढ़ा देते हैं। मजबूरन पानी केलिए भटकना ही विकल्प रह जाता है। शहर के यदि सभी नलकूप इंटरकनेक्ट हो तो कोई भी शहरी प्यासा नहीं रहेगा।
शहर के 43 वार्डों में पैंसठ हजार से अधिक आवास हैं। इन घरों में रह रही तैंतीस हजार की आबादी को 27 ट्यूबवेल और 11 ओवर हेड टैंकों से अस्सी किमी पाइप लाइन द्वारा पानी सप्लाई किया जाता है। लेकिन यह लाइनें कब चोक हो जाएं और नलकूप कब जवाब दे जाए इसका कोई भरोसा नहीं। ऐसी स्थिति में घरों में सप्लाई होते पानी पर रोक न लगे, इसलिए नलकूपों का आपस में इंटरकनेक्ट होना जरूरी है। शहर में नलकूपों के किस्से कौन परिचित नहीं है। आए दिन धुआं छोड़ने में माहिर ये नलकूप लोगों का पसीना छुड़ा देते हैं। ऐसी स्थिति में पानी के लिए मजबूरन भटकना ही विकल्प रह जाता है। नलकूपों के आपस में कनेक्ट होने से इस विकल्प की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। पालिका में पहले यह योजना चर्चा में थी। लेकिन चर्चा कागजों में अंकित नहीं हो पाई, जिससे गरमी का यह आलम बिताने में जनता को बेहाल होना पड़ रहा है।