रामपुर। जजेज रोड पर निर्माणाधीन नाला ढहने के लिए पीडब्लूडी विभाग के अफसरों और ठेेकेदार पर उंगली उठ रही है। तकनीकी खामियों के चलते नाले की दीवार गिरने पर उसमें दबकर दो मजदूरों की मौत हो गई। हादसा होने के बाद अधिकारी कह रहे हैं कि ठेकेदार जिम्मेदार हैं। ठेकेदार कह रहा है कि आसपास के दुकानदार जिम्मेदार हैं, जिन्होंने समय पहले ही नाले में पानी डालना शुरू कर दिया।
रामपुर-नैनीताल हाईवे से दिल्ली-लखनऊ हाईवे तक बनाए जा रहे दो किलोमीटर से अधिक लंबाई का 15 मीटर से अधिक के हिस्से में बनी दीवार जजेज रोड पर बुधवार को भरभरा कर गिर गई। वहां काम कर रहे दो मजदूरों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता साहब सिंह वर्मा ने निर्माण के दौरान बरती गई तकनीकी अनियमितता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने नाले की दीवार की चिनाई होते ही सड़क और इस दीवार के बीच खाली स्थान में मिट्टी भरवा दी। मिट्टी और सड़क पर चल रहे वाहनों के दबाव को हाल ही में बनी दीवार झेल नहीं पाई और गिर पड़ी। उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व तैयार हुई दीवार का प्लास्टर भी दीवार का मसाला सूखने से पहले ही शुरू करने से भी दीवार पूरी तरह से मजबूत नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद निवासी इस नाला निर्माण के ठेकेदार को तलब किया है। अधिशासी अभियंता निर्माणाधीन नाले की साइड पर तैनात विभागीय जूनियर इंजीनियर व इंजीनियर की लापरवाही पर चुप हो गए।
नाला बनाने के ठेकेदार मनमोहन शर्मा सड़क बनाने वाली कंपनी के कर्मचारियों पर दीवार की साइड में मिट्टी भरने का ठीकरा फोड़ रहे हैं। साथ ही कहा कि रोड के किनारे दुकानदारों ने भी इस नाले में पानी डालना शुरू कर दिया। इसकी वजह से दीवार मजबूत होने से पहले ही कमजोर हो गई।