रामपुर। बगीचा आमना में बनवाए गए गरीबों के आवास ध्वस्त होंगे। पिछले दिनों ने सू़डा के डायरेक्टर ने आवासों का निरीक्षण किया था। इसमें तीन साल में भी जहां आवास अधूरे मिले वहीं निर्माण में भी तमाम कमियां पाई गई थीं। डायरेक्टर की रिपोर्ट पर शासन ने यह फैसला लिया है।
करीब तीन साल पहले इंट्रीग्रेटेड हाउसिंग स्कीम एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएचएसडीपी) के तहत शहर की मलिन बस्ती बगीचा आमना में 120 आवास बनाने का प्लान तैयार किया था। राज्य निर्माण निगम को आवास बनवाने की जिम्मेदारी दी गई। केंद्र से 1.17 लाख रुपये प्रति आवास के हिसाब से बजट स्वीकृत किया गया था। धन मिलने के साथ ही आवासों का निर्माण शुरू कराया गया। शुरुआत में आवासों के निर्माण में अनियमितता बरतने के आरोप लगने लगे थे। शासन को आवासों में घपले की शिकायत भेजी गई पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ समय पहले सूडा के डायरेक्टर शिव शंकर सिंह ने जांच की तो मकानों के पीली ईंट के इस्तेमाल और सीमेंट की मात्रा मानक से कम पाई गई थी। मकानों की छत और बीम भी सही नहीं मिले थे। शौचालय इस्तेमाल के लायक नहीं पाए गए थे। तीन साल में आवास मुकम्मल नहीं हो सके हैं। अधिकतर के खिड़की दरवाजे नहीं लगे हैं। प्लास्टर और फर्श नहीं डाला गया है। डायरेक्टर की रिपोर्ट पर शासन ने राज्य निर्माण निगम को 120 मकान ध्वस्त कर नए सिरे से मकान बनवाने के निर्देश दिए हैं।
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