हमीरपुर। कुओं से लोगों ने पानी निकालना बंद कर दिया है। भू-गर्भ जलस्तर गिरने का असर कुओं में भी पड़ रहा है। सूखा राहत योजना के तहत कुओं की मरम्मत का काम भी नहीं हुआ है। सदर तहसील क्षेत्र मेें35 ऐसे गांव है जहां के कुओं का पानी सूख गया है या इन कुओं का पानी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। फिलहाल शादी-विवाह में कुआं पूजन जैसी रस्म में ही कुओं को याद किया जा रहा है।
सदर तहसील क्षेत्र के 142 गांवों में 1275 कुएं है। इसमें मात्र 464 कुओं का पानी ही प्रयोग किया जा रहा है जबकि 811 कुओं का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। पंधरी गांव में राजस्व विभाग कुओं की संख्या 25 बता रहा है जिसमें से सिर्फ एक कुएं का पानी उपयोग हो रहा है। पारा रैपुरा में 8 कुओं में 5 का पानी उपयोग में लाया जा रहा है। बिरखेरा के सभी 10 कुओं का पानी सूख गया है। इसी तरह धुंधपुर के 16, मौहर के 8, बरदहा सहजना के 6, कीरतपुर का 1, उजनेड़ी में 7, कलौलीजार में 9, ममरेजपुर में 1, ललपुरा में 7, नदेहरा में 13, बिदोखर पुरई में 8, इंगोहटा में 24, छानीखुर्द में 25, छानीबुजुर्ग में 24, धनपुरा में 7, अतरार में 11, चंदुलीतीर में 3, इसौली के दो कुएं पानी नहीं दे रहे है। बड़ी आबादी के झलोखर गांव में 28 कुएं है जबकि मात्र तीन कुओं में ही पानी है। इसी तरह टेढ़ा में 30 में 26, कैथी में 33 में 20, इंगोहटा में 25 में 24 कुओं का पानी या तो सूख गया है या फिर निष्प्रयोज्य है। यही हाल उमराहट, बह्मनपुर, जमरेहीतीर, जमरेही ऊपर, पटिया, सिकरोढ़ी, कुछेछा के कुओं का है। तमाम ऐसे कुएं है जिनका पानी उपयोग में ग्रामीण नहीं ला रहे है। जिन गांवों में पेयजल योजनाएं या हैंडपंपों की सुविधाएं है। वहां के लोग कुओं में रस्सी डालकर पानी निकालने की जहमत नहीं ले रहे है।