मौदहा (हमीरपुर)। किसानों की गेहूं खरीद के मामले में कसबे के तीन केंद्र बंद होने से निराश किसान अपना गेहूं समेट कर ले जाने लगे हैं। एकमात्र मार्केटिंग का एक केंद्र चालू होने से इसमें किसानों का दबाव बढ़ गया है।
इन केंद्रों में पीसीएफ व इसी संस्था का क्रय विक्रय केंद्र तथा यूपी एग्रो के केंद्र का खरीद लक्ष्य पूरा होने के बाद इन्हें बंद कर दिया है जबकि पीसीएफ खरीद केंद्र में दो दो सप्ताह से गेहूं की तौल कराने के लिए टोकन लिए किसान निराश होकर लौटने लगे हैं। सायर गांव के किसान राजू गौतम ने बताया कि पीसीएफ खरीद केंद्र में उसने अपना गेहूं डंप कर दिया था। लेकिन केंद्र को बंद कर देने से अब वह गेहूं वापस ले जा रहा है। खरीद के नाम पर सरकार किसानों को धोखा दे रही है। जबकि कम्हरिया के कमालउद्दीन ने कहा कि उसे 18 मई की तिथि घोषित करते हुए टोकन दिया था। मांचा गांव के अंगद के गेहूं की तौल 22 मई को होनी थी। वह बीते 20 मई से डेरा डाले है। इसी तरह सूरज, औशाफ अली, सलीम, बाबूराम ने बताया कि वह 16 दिन से गेहूं डाले पड़ा है। गुरदहा निवासी अभिषेक सहित अन्य कई किसान गेहूं खरीद केंद्र बंद होने पर आक्रोशित हैं। इन खरीद केंद्रों के कांटे बांट हटा दिए गए है। जबकि खरीदा गया गेहूं डंप है। मार्के टिंग विभाग में ही खरीद जारी है जबकि यह अभी लक्ष्य से आधा गेहूं खरीद पाया है।