हमीरपुर। द्वितीय और तृतीय चरण में छह कसबों में बनाए जाने वाले कांशीराम आवासीय कालोनियों का निर्माण पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है जबकि दूसरे चरण में बनने वाले आवासों पर रहने वाले गरीबों का चयन भी प्रशासन कर चुका है। निर्माण कार्य बाधित होने के पीछे आवास एवं विकास में अभियंताओं की उदासीनता और मजदूरों की कमी के साथ मौरंग न मिलना मुख्य कारण है।
कांशीराम आवासों के द्वितीय चरण का निर्माण कार्य वर्ष 2009-10 में कराया जाना प्रस्तावित किया। द्वितीय चरण में 1008 आवास बनाने है। इसमें सुमेरपुर में 480, सरीला में 240, कुरारा में 180 व गोहांड कसबे में 108 आवासों बनाए जा रहे हैं। चयनित लाभार्थी कब्जा पाने को परेशान है। विधानसभा चुनाव से आवास आवंटन होने के बाद लाभार्थी कब्जा लेने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे, तब इन्हें भय था कि सरकार बदल जाने पर कहीं मिलने वाला आशियाना हाथ से न निकल जाए। तृतीय चरण में मौदहा और राठ में भवन बनने है। इधर आवासों का निर्माण कराने वाली कार्यदाई संस्था आवास एवं विकास के अभियंता उदासीनता बरत रहे है। कांशीराम आवासों की प्रगति धीमी होने से कार्यदाई संस्था के अधिशाषी अभियंता आरएल यादव परेशान है। इस मामले में उन्होंने अधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि विभाग के सहायक अभियंता बेचन प्रसाद की जिले में तैनाती है लेकिन उनकी अनुपस्थित से निर्माण कार्य की प्रगति शून्य है। पत्र में उन्होंने कहा है कि बीते 9 मई को वह शाम 4 बजे कार्यालय आए। उसके बाद कहां चले गए इसकी जानकारी नहीं दी गई। अधिशासी अभियंता का कहना है कि 5 अप्रैल से 8 मई तक यानी एक माह 4 दिन वह अनाधिकृ त रुप से अनुपस्थित रहे। उनका कहना है कि आवास निर्माण के टेंडर अनुबंधों के माध्यम से ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन एई के न रहने से कार्य में प्रगति नहीं हो रही है। यह भी कहा है कि मौजूदा समय में ग्रीष्म ऋतु और फसल कटाई का काम होने से मजदूर नहीं मिल रहे है।