हमीरपुर। आज लोग बड़े गर्व से हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में सब भाई भाई का नारा लगाते है परंतु सच्चाई यह है कि सगे भाई भाई-भाई नहीं है। हम एक पिता की सब संतान कहना तो आसान है किंतु अपनाना बहुत कठिन।
यह बात नगर के विवेक नगर मोहल्ला के अधिवक्ता रामकृपाल सिंह गौर द्वारा आयोजित निरंकारी सत्संग सम्मेलन में महात्मा क्रांतिकुमार निरंकारी ने कही। उन्होंने कहा कि लोग अपने हाथ की बनी मूर्तियों में तो अटूट श्रद्धा करते है। किंतु भगवान की बनाई हुई इन चैतन्य मूर्तियों से अमीर गरीब, ऊंच नीच, गोरा काला के कारण घृणा, द्वेष, वैर व शत्रुता का भाव हृदय में भरे हैं। इसी के चलते समाज में एकता, अखंडता व समरसता देखने को नहीं मिलती है। एक यहीं मिशन ऐसा है कि जहां ढोंग पाखंड से दूर रहकर नर सेवा व नारायण पूजा का पाठ पढ़ाया जाता है। इस मौके पर डा.सुशील कुमार, देशराज रचनाकर, माता रानी देवी, विजय लक्ष्मी, उर्मिला द्विेवेदी, सरिता गुप्ता, मंगेश लता खरे मौजूद रहे।
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