राठ(हमीरपुर)। नौरंगा गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों, फार्मासिस्टों के न रहने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। मजबूरी में ग्रामीणों को झोला छाप की शरण में जाना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. एके सिंह ने बताया कि वे अस्पताल में रहते हैं। अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं रोगियों को दी जा रही है।
दो साल पहले नौरंगा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को खोला गया था। अधिकांश समय डाक्टरों, फार्मासिस्टों और वार्ड वाय के गायब रहने से रोगियों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। मझगवां, अटगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल खराब है। अटगांव के किसान जमुनादीन, परशुराम ने बताया कि अस्पताल की ओर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दी जा रही है। हालत यह है कि आपातकालीन सेवाएं भी ठप हैं। इमरजेंसी होने पर रोगी को राठ या झांसी ले जाना पड़ता है। इसी तरह से महिलाओं के प्रसव के लिए भी यहां पर कोई सुविधाएं नहीं है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।