दुर्गागंज। स्थानीय बाजार में स्थित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छुट्टा पशुओं की आरामगाह बनकर रह गया है। दिनरात यहां पशुओं का जमावड़ा रहने के कारण पीएचसी में चारों तरफ गंदगी तो फैल ही रही है, सुरक्षा को लेकर भी तमाम तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं।
तीन वर्ष पूर्व निर्मित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चारों ओर चहारदीवारी का निर्माण नहीं कराया गया है। भदोही रजवाहा के किनारे स्थापित उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दिनभर मरीजों का तांता लगा रहता है। रात के समय प्रसव के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं और उनके परिजन आते हैं। इस दौरान चहारदीवारी न होने से अस्पताल परिसर में आवारा पशु और कुत्तों का वहां जमावड़ा लगा रहता है। पशुओं और कुत्तों के चलते मरीजों और उनके तीमारदारों में भय बना रहता है। उनका कहना है कि ये छुट्टा पशु और कुत्ते कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। बार-बार महकमे के उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत करने के बाद मामले में कोई सुनवाई नहीं होती। इससे स्थानीय नागरिकों में भी रोष है। अस्पताल में तैनात एक मात्र चिकित्सक डा. एम सऊद का कहना है कि नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चहारदीवारी और परिसर के अंदर गड्ढों आदि में मिट्टी की भराई के लिए विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। अस्पताल में स्टॉफ की भी बेहद कमी है। कहा कि फार्मासिस्ट का पद भी रिक्त है। हर रोज सैकड़ों मरीज अस्पताल में आते हैं। पानी और बिजली की समुचित व्यवस्था के लिए भी मांग की गई है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। उधर स्थानीय नागरिकों ने भी नवीन पीएचसी की चहारदीवारी का निर्माण शीघ्र करवाने की मांग जिला प्रशासन से की है।
जल निकासी की व्यवस्था बेहद जरूरी
डीएम और विधायक से की समुचित प्रबंध की मांग
संवाददाता
दुर्गागंज। बाजार में जलनिकासी की व्यवस्था न होने से व्यापारियाें और दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि मूलभूत सुविधाओं से वंचित बाजार में जरूरी सहूलियतों की ओर किसी का ध्यान नहीं है। व्यापारी नेता आरएल सिंह, दीपक कुमार, अकबर अली, शीतल साहू, बृजमोहन गुप्ता, शिवशंकर मौर्या, घनश्याम बिंद आदि ने इस क्षोभ प्रकट किया। कहा कि इस दयनीय स्थिति पर स्थानीय व्यापारी दुखी हैं। समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोग परेशान हैं। जल निकासी के लिए नाली नहीं होने से दुर्गागंज-कुढ़वां मार्ग के दोनों किनारों पर बरसात के दिनों में जबर्दस्त जलजमाव रहता है। इसके चलते बाजार आने-जाने वालों को काफी परेशानी होती है। जहां-तहां जल भराव से जलनिकासी की समस्या बनी रहती है। हैरत की बात यह है कि इस समस्या की ओर न तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान जाता है और ना ही प्रशासनिक हुक्मरानों का। सुविधाओं के अभाव में आम आदमी जिंदगी गुजार रहा है। बाजार वासियों का कहना है कि जल निकासी के लिए बाजार के उत्तर करीब दो किलोमीटर वरुणा नदी तक जल निकासी नाला बनाया जाना आवश्यक हो गया है। स्थानीय निवासियों ने इस ओर क्षेत्रीय विधायक और जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है। उनका कहना है कि जल निकासी का समुचित प्रबंध किया जाना बेहद जरूरी है, नहीं तो मौलिक समस्याएं वैसे की वैसे ही रहेंगी।
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