ज्ञानपुर। वातावरण में प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए पौधे लगाना जरूरी है। यह बात प्रभारी जनपद न्यायाधीश गंगाराम ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पर्यावरण दिवस पर आयोजित गोष्ठी में कहीं। प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने मानव जीवन पर प्रदूषित वातावरण के दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला। प्राधिकरण के सचिव अचल नारायण सकलानी ने संवैधानिक उपबंधों का हवाला देते हुए बताया कि अनुच्छेद 51 (क) के तहत हर व्यक्ति का यह नैतिक कर्तव्य है कि वह राष्ट्र के वन, नदी और झील की सुरक्षा करें और हर जीवित प्राणियों के प्रति करुणा की भावना रखे। उन्होंने नदियों पर बनने वाले बांधों के प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अधिवक्ता पंकज तिवारी ने धर्मग्रंथों में पौधों के महत्व को बताते हुए रामचरित मानस में वर्णित चौपाई-पीपर तरु तर ध्यान सो धरई, जाप जग्य पाकर तर करई। आंब छांह कर मानस पूजा, तज हरि भजन काजु नहिं दूजा... के माध्यम से बताया कि पांच वृक्ष पीपल, पाकर, गुलर, बट और आम के लगाने का वैज्ञानिक कारण भी है। ये पांचों पौधे पर्यावरण में सबसे ज्यादा आक्सीजन देते हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने दीवानी न्यायालय परिसर में पौधरोपण किया। गोष्ठी में कवि और अधिवक्ता कृष्णावतार त्रिपाठी ने अपनी कविताओं के माध्यम से पर्यावरण पर प्रकाश डाला। न्यायिक अधिकारी आशीष वर्मा, निरंजन कुमार, कुलदीप कुमार, यशपाल सिंह लोदी और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गोपीचंद तिवारी, महासचिव अखिलेश दुबे, ललित मिश्र आदि मौजूद थे।