गोपीगंज। भारत बंद आंदोलन के तहत सड़क जाम कर सभा कर रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे सपा जिला महासचिव कुंवर प्रमोद चंद्र मौर्य सहित आधा दर्जन से अधिक सपाई घायल हो गए। महासचिव को कई लाठियां लगी। इसके बाद सपाई कुछ देर के लिए तितर बितर हो गए। फिर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए सड़कों पर बैठ गए। एसओ के द्वारा गलती स्वीकार करने के बाद जाम समाप्त हुआ।
समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव कुंवर प्रमोद चंद्र मौर्य के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल मूल्यवृद्धि, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरोध में पार्टी हाईकमान के आह्वान पर बृहस्पतिवार को आंदोलन किया। सपाई ने सुबह आठ बजे से नगर में जुलूस निकाला। पूरे नगर का भ्रमण करने के बाद जीटी रोड बड़ा चौराहे पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन करने के बाद सड़क जाम कर सभा करने लगे। सभी वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त कर दिए थे और अंत में सपा जिला महासचिव भाषण दे रहे थे। इसी बीच गोपीगंज थानाध्यक्ष रमेश चौबे ने पीछे से पहुंचकर सपा जिला महासचिव कुंवर प्रमोद चंद्र मौर्य की लाठियों से पिटाई शुरू कर दी। यह देख सभा में भगदड़ मच गई। लाठी लगने से मुहम्मद जिमदार, विभूति नारायण सिंह, मुकुंदचंद यादव, दिलदार आदि जख्मी हो गए। जबकि दर्जन भर कार्यकर्ता भगदड़ में सड़क पर गिरकर चोटिल हो गए। अचानक हुई इस पुलिसिया कार्रवाई से सपाइयों में हड़कंप मच गया। कुछ देर के लिए सपाई तितर बितर हो गए, लेकिन इसके बाद ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए फिर चौराहे पर बैठ गए और सड़क जाम कर दिया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने सपाइयों को हटाने की जहमत नहीं उठाई। बताया जाता है कि जाम के दौरान पुलिस चौकी के सामने दो ट्रक चालकों के बीच जमकर मारपीट हो गई। एसओ को जब जानकारी हुई कि यह मारपीट जाम लगने के कारण हुई है तो थाने से तत्काल बड़ा चौराहा पहुंचे और सभा कर रहे सपाइयों पर टूट पड़े। बाद में जब उन्हें पता चला कि उन्होंने सपाइयों को ही पीट दिया है। वह चौराहे पर पहुंचे और सपाइयों से माफी मांगने लगे। उन्होंने कहा कि वह भाजपाइयों को समझकर लाठीचार्ज किए थे। लेकिन, सपाइयों ने उनकी बात को सुनने से इनकार करते हुए खुद ही जाम को समाप्त कर दिया। जाम करने वालों में विधायक प्रतिनिधि लालजी यादव, कमला शंकर महतो, विभूति नारायण सिंह, देव नारायण बिंद, अब्दुल जब्बार, शिवशंकर गुप्ता, मुहम्मद हलीम प्रधान, ऋषि सिंह बघेल, मु. दिलदार, शमीम, शिव पूजन मौर्य, उमाशंकर यादव, गुड्डू चौधरी, बल्ला हाशमी, ज्ञान सिंह पटेल, जटाशंकर, मदन लाल अग्रहरि, शिवधारी मौर्य, रतनलाल, अलीमुद्दीन, रहीस खां, फिरोज खां, रोशन अली, अबरार अली राइन, योगेश यादव आदि मौजूद रहे।
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