ज्ञानपुर। पेट्रोल के दाम बढ़ते ही जनमानस में आक्रोश बढ़ गया। राजनीतिक दलों ने जहां केंद्र सरकार को खरी-खरी कह डाली, वहीं ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान भी किया। भाजपा ने तो यहां कह डाला कि केंद्र सरकार के पंख जम गए हैं, अब उसका अंतिम समय आ गया है।
पेट्रोल के दाम बढ़ने पर भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष पांडेय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपने तीन साल पूरा करने पर जनता को महंगाई का तोहफा दिया है। केंद्र सरकार को जनता के सुख दुख से कुछ लेना देना नहीं है, केवल भ्रष्टाचार, घोटालों में ही केंद्र सरकार का दिमाग आकर अटक गया है। कहा कि केंद्र सरकार जनता को बता रही है कि तुम हमें वोट देते रहिए, हम महंगाई देते रहेंगे। बढ़े दाम से एक बार देश में फिर से अशांति फैलेगी, यही कांग्रेस का उद्देश्य है।
सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल से संबंधित जो भी कार्य हो रहे हैं, उनमें मध्यम और गरीब वर्ग ही ज्यादा जुड़ा है। इतने अधिक दाम बढ़ने से वह बेचारा बगैर मारे मर जाएगा। कहा कि केंद्र सरकार को न केवल बढ़े दाम वापस लेने चाहिए बल्कि पुराने दामों में भी कटौती करनी चाहिए।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रत्नेश मिश्र ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति देखते हुए मजबूरी में पेट्रोल का दाम बढ़ाया गया है। कहा कि डालर का दाम 55 रुपये भाग गया। यूरोप और अन्य देशों की स्थिति महंगाई के कारण ठीक नहीं है, भारत में महंगाई को देशवासियों ने काफी झेला है। सरकार भी दाम बढ़ाने पर मजबूर है।
बसपा के जिलाध्यक्ष लल्लू प्रसाद गौतम ने कहा कि पेट्रोल के दाम बढ़ाने आम जनता त्रस्त होगी। यह जनता का शोषण है। जनता ने केंद्र में चुनकर भेजा है तो परेशान होने के लिए नहीं। केंद्र सरकार ने जनता को महंगाई और घोटाले के सिवाय कुछ नहीं दिया। केंद्र सरकार के कार्यकाल में गरीब और गरीब हुआ है और अमीर और अमीर हुआ। कांग्रेस के नेता और मंत्रियों, खासकर प्रधानमंत्री को जनता के सुख और दुख से कुछ लेना देना नहीं है।