जंगीगंज। डीघ विकास खंड के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय सदाशिवपट्टी के प्रांगण में चल रहे राम नाम जप महायज्ञ में मंगलवार को भोर से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया था। सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने श्री राम नाम के उद्घोष के साथ यज्ञ में आहुतियां डालीं और यज्ञ मंडप की परिक्रमा की।
महायज्ञ का कार्यक्रम प्रात: छह बजे से प्रारंभ होकर पूर्वांह्न 11.30 बजे तक चला। इस दौरान भक्तों ने यज्ञ कुंड में आहुतियां डालने के साथ यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। महायज्ञ का कार्यक्रम 11 विद्वानों के द्वारा विधि विधान से कराया जा रहा है। इसमें रोज एक यजमान सपत्नीक यजमान का कार्य पूर्ण कराता है। आज के यजमान ब्रह्मदेव उपाध्याय ने अपनी पत्नी नन्हका देवी के साथ आहुतियां डालीं। रोज अपराह्न तीन बजे से सायं तक प्रवचन का कार्यक्रम भी चलता है। सायं सात बजे आरती होती है। आज के प्रवचन में बोलते हुए श्री संत दास जी महाराज ने धनुष यज्ञ के विषय में प्रवचन करते हुए कहा कि बड़े बड़े बलवान राजा जो सीता के विवाह की लालसा पाने वाले धनुष तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन सभी कठिन प्रयास के बाद भी शिव धनुष हिला भी नहीं पाए और उपहास का पात्र बनते गए। लेकिन जब भगवान शिव ने धनुष तोड़ा तो वह शिव धनुष तिनके के समान टूटकर बिखर गया। ऐसा इसलिए हुआ कि अन्य राजा अहंकार में भरकर शिव धनुष के विषय में सोचा कि पल भर में तोड़ दूंगा लेकिन वह रत्ती भर भी धनुष हिला नहीं सके। जबकि भगवान श्रीराम ने मस्तक नवाकर प्रार्थना की और कहा कि आप कृपा करें जिससे सीता का विवाह हो जाए। इस पर धनुष फूल सा हल्का हो गया।