Hindi News ›   ›   अधिकारियों पर कमीशन मांगने का आरोप

अधिकारियों पर कमीशन मांगने का आरोप

Bhadohi Updated Thu, 17 May 2012 12:00 PM IST
ज्ञानपुर। विद्यालयों में एक कक्षीय, दो कक्षीय या इससे अधिक भवन बनाने के नाम पर कमीशन मांगने का आरोप अभी नहीं थमा है। ज्ञानपुर और सुरियावां के दो शिक्षकों ने अपने ही विभाग के उच्चाधिकारियों पर कमीशन मांगने का आरोप लगाकर जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा है। पत्रक में कहा गया है कि कमीशन न देेने के कारण एक शिक्षक का आठ माह से वेतन रोक दिया गया जबकि एक शिक्षक से रुपये लेकर उसे निर्माण कार्य करने दिया गया। ज्ञानपुर विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय छत्रशाहपुर के प्रधानाध्यापक राधेश्याम यादव ने जिलाधिकारी को दिए पत्रक में आरोप लगाया है कि कि वर्ष 2011-12 में नवीन स्वीकृत प्राथमिक विद्यालय दुलहीपुर का उन्हें निर्माण प्रभारी बनाया गया। निर्देश के क्रम में निर्माण कार्य शुरू हो गया। इसी दौरान विभागीय अधिकारी ने रुपये की मांग की। मांग पूरी न होने पर उसका वेतन रोकने की धमकी दी। लेकिन, पैसा दे देने पर उसे निर्माण कार्य करने दिया गया। उधर सुरियावां विकास क्षेत्र के प्रा.वि. भटेवरा के प्रधानाध्यापक हंसराज ने जिलाधिकारी को दिए पत्रक में आरोप लगाया है कि विद्यालय के भवन निर्माण के लिए सितंबर 2011 में दो कक्ष निर्माण के लिए आए। उनसे इसके लिए रुपये की डिमांड की गई। पैसा न देने पर उनका पिछले आठ माह से वेतन रुका पड़ा है। हंसराज ने कहा कि जिलाधिकारी को एक बार इसकी शिकायत पहले भी कर चुके हैं। कहा जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उसने अपना वेतन बहाल करने की मांग की। इस बारे में बीएसए आरएस द्विवेदी ने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नही हैं। यदि ऐसी कोई बात है तो उसकी शिकायत उनके कार्यालय में भी की जा सकती है। वे निश्चित ही कार्रवाई करेंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें