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इलाज कराने नहीं पहुंच रहे स्मार्ट कार्ड धारक
महत्वाकांक्षी योजनाओं को लग रहा है पलीता
बदायूं। केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्वास्थ्य गारंटी योजना जिले में गति नहीं पकड़ रही है। जिले में 59 हजार से ज्यादा स्मार्ट कार्ड धारक होने के बाद भी लोग इलाज कराने नहीं पहुंच रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारक परिवारों को एक साल में तीस हजार तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है। इसके लिए जिले के दस निजी अस्पताल भी चिन्हित किए गए हैं लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इलाज कराने नहीं पहुंच रहे हैं। शुरू से ही बदइंतजामी का शिकार रही योजना का गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा है। जिम्मेदार अफसरों की कार्य प्रणाली से ऐसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पलीता लग रहा है।
एनआरएचएम के तहत संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य गारंटी योजना का क्रियान्वयन ही डावांडोल था। पहले तो जिले में स्मार्ट कार्ड बनाने का काम देर से शुरू हुआ और बाद में अस्पतालों के चयन में देरी हुई। योजना के संचालन से जुड़े अफसरों की लापरवाही ही कही जाएगी कि जिले में करीब एक लाख बीपीएल परिवार इसके लाभ से ही वंचित रह गए। जिले में सिर्फ 59,937 बीपीएल परिवारों को ही तय समय में स्मार्ट कार्ड जारी हो सके। बदइंतजामी का आलम यह रहा कि निजी अस्पतालों को चिन्हित करने में भी देरी हुई।
करीब एक महीने पहले योजना का संचालन शुरू होने के साथ ही सिटी हॉस्पिटल ने गरीबों का इलाज करने से इंकार कर दिया था। बदइंतजामी का ही परिणाम रहा कि एक महीने के बाद भी गरीबों को मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। एनआरएचएम और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी योजना की दुर्दशा पर मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं।
वर्जन-
स्मार्ट कार्ड धारकों का मुफ्त इलाज शुरू हो चुका है। हां इलाज कराने पहुंचने वाले स्मार्ट कार्ड धारकों की संख्या काफी कम है। मैं अभी विभागीय काम से दिल्ली में हूं। वापस आने के बाद योजना को गति देने के प्रयास होंगे।-डॉ. आरपी सिंह, सीएमओ