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बीएसए ने किया मिड-डे मील का निरीक्षण
एक स्कूल में मीनू के विपरीत बना भोजन
बदायूं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों का शिक्षक ही पेट काट रहे हैं। उनकी सेहत से खिलवाड़ भी किया जा रहा है। छात्र-छात्राओें को मिलने वाला मध्यान्ह भोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं है। इसकी पुष्टि बुधवार को खुद बीएसए ने निरीक्षण के बाद की। निरीक्षण में चार स्कूलों में से किसी में भी खाना गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया। खीर में पानी मिला तो, कढ़ी से पकौड़ी ही गायब थी। एक स्कूल में मीनू के विपरीत बने भोजन में दाल में सिर्फ पानी ही पानी था। बीएसए ने इस पर नाराजगी जताई। साथ ही आगे से बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों का भुगतान रोेकने के निर्देश भी दिए।
मिड-डे मील के निरीक्षण को निकले बीएसए कृपाशंकर वर्मा ने सबसे पहले सराय नाहर खां प्राथमिक स्कूल में खाने का जायजा लिया। यहां पर खीर बनाई जा रही थी। जांच की तो पता चला कि खीर में दूध की मात्रा कम और पानी की अधिकता है। चावल भी बेहद घटिया स्तर के हैं। इस पर बीएसए ने नाराजगी जताते हुए संबंधित प्रधानाध्यापक से कहा कि खाने में किसी भी प्रकार की कमी होने पर तत्काल सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभासद इसके लिए सबसे पहले जिम्मेदार होंगे। इसके बाद उन्होंने पटियाली सराय के प्राथमिक स्कूल का निरीक्षण किया। यहां कढ़ी चावल बने थे। कढ़ी तो नजर आ रही थी, लेकिन उसमें पकौड़ी गायब थी।
टिकटगंज प्राथमिक स्कूल में तो हद ही हो गई। वहां मीनू के हिसाब से खाना न बनाकर दाल-चावल बनाए गए। दाल और चावल की क्वालिटी बेहद खराब थी। बीएसए ने चेतावनी देते हुए आगे से मध्यान्ह भोजन में किसी भी प्रकार की ढिलाई या कमी मिलने पर कन्वर्जन कास्ट का भुगतान रोके जाने के निर्देश दिए। बीएसए श्री वर्मा ने बताया कि बच्चों की सेहत और उनके भोजन से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन भी इस पर निगाह रखे हुए है।